कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ही यह दावा होने लगा था कि तीसरी लहर में बच्चे अधिक कोरोना की चपेट में आएंगे। इन आशंकाओं को एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि, किसी भी स्टडी में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि तीसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित होंगे।
एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, किसी भारतीय या ग्लोबल स्टडी में ऐसी बात नहीं कही गई है कि बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है। यहां तक की दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए, उनमें मामूली लक्षण ही थे। इसके अलावा कुछ और बीमारियों के चलते उनकी गंभीरता बढ़ गई थी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि, मैं नहीं मानता की भविष्य में भी बच्चों पर कोरोना का कोई गंभीर असर होगा।
बताते चलें कि, कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने का दावा किया जा रहा था, जिसके बाद कई वैज्ञानिकों ने इसे खारिज कर दिया है, अब एम्स निदेशक ने भी इसे मानने से इंकार कर दिया ऐसे में यह हर माता पिता के लिए राहत भरी खबर है लेकिन कोरोना के नियमों का पालन अब भी बेहद जरूरी है। वहीं, हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर बीते एक सप्ताह में तेजी से कमजोर पड़ी है। मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि कुल रिकवरी रेट तेजी से बढ़ते हुए 94.3% हो गया है। इसके अलावा 1 से 7 जून के दौरान पॉजिटिविटी रेट 6.3% ही रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते एक सप्ताह में नए केसों में 33 फीसदी की कमी देखने को मिली है। इसके अलावा एक्टिव केसों में भी 65 फीसदी की कमी आई है। लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अब 15 राज्य ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से नीचे जा चुका है।
गौरतलह हो कि, पिछले एक दिन में कोरोना के 86,498 नए केस मिले हैं। पिछले महीने कोरोना के पीक से तुलना करें तो नए केसों की संख्या में 79 पर्सेंट तक की कमी आई है। इसके अलावा बीते सप्ताह कुल नए केसों में 33 फीसदी की कमी आई है। वहीं, इस वक्त कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज किए जाने के बाद धीरे धीरे कई राज्य सरकारों ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी है।