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वायुसेना प्रमुख ने कहा, लद्दाख सीमा के हालात चीन से बातचीत पर निर्भर

वायुसेना प्रमुख ने कहा, लद्दाख सीमा के हालात चीन से बातचीत पर निर्भर

भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने सोमवार को कहा कि भारत ने यह साफ देखा है कि चीन पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमा के साथ सर्दियों के लिए विशेष तैयारी कर रहा है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि अगले तीन महीने इस बात पर निर्भर करेंगे कि भारत और चीन के बीच कैसे बातचीत होती है।

भदौरिया ने कहा, "वर्तमान प्रगति धीमी है। हम तदनुसार कार्रवाई कर रहे हैं। हमारी आगे की कार्रवाई जमीनी हकीकत पर निर्भर करेगी।"

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने मई में महसूस किया कि सीमा की स्थिति सामान्य समय के विपरीत थी। चीनी सैनिक साल के इस समय में आम तौर पर अभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा, "हमने उनसे सीमा की ओर बढ़ने की कभी उम्मीद नहीं की थी। लेकिन भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना दोनों ने इसका तेजी से रिकॉर्ड समय में जवाब दिया।"

एयर चीफ मार्शल आर.के. भदौरिया ने कहा कि चीन कभी भी किसी भी संघर्ष के परिदृश्य में हमसे बेहतर नहीं हो सकता है। भदौरिया ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा कि वायु सेना किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उन्होंने दिल्ली में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, हमने पूर्वी लद्दाख में दृढ़ता से तैनाती की है। किसी भी परिस्थिति में चीनी हमसे बेहतर नहीं हो सकते। वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पिछले पांच महीनों में कभी भी ऐसा क्षण नहीं आया जब वायु सेना चीन के खिलाफ हवाई हमले (एयर स्ट्राइक) के करीब पहुंची हो। उन्होंने कहा कि वायु सेना पूरी तरह से तैयार है।

भदौरिया ने यह भी कहा कि अभी तक चीन और पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के खतरे की आशंका नहीं है। दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी तैनाती के जवाब में भदौरिया ने कहा, हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। कोई और हमारे लिए नहीं लड़ेगा।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से गतिरोध बना हुआ है। विवाद के हल के लिए दोनों पक्षों ने कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की है। हालांकि अभी तक गतिरोध को दूर करने में कोई कामयाबी नहीं मिली है। भदौरिया ने यह भी कहा कि अभी तक चीन और पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के खतरे की आशंका नहीं है। भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना तेजी से बदल रही है और पिछले कुछ वर्षों में यह सामरिक रूप से विकसित भी हुई है।.