ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की वर्चुअल मीटिंग के दौरान चीन की चाल को नाकाम करते हुए अजित डोभाल ने चीन के यांग जिएची के प्रस्ताव को बैरंग वापस भेज दिया। अजित डोभाल के सामने उनके चीनी समकक्ष यांग जिएची की ओर से वन-टू-वन टॉक का ऑफर था। इस पर अजित डोभाल ने साफ इंकार कर दिया। भारत की ओर से कहा गया कि उचित फॉर्मेट नहीं है। हालांकि इस मीटिंग में जो आतंकरोधी रणनीति का मसौदा तैयार किया है उसे ब्रिक्स सम्मेलन में स्वीकृति दिए जाने की संभावना बढ़ गयी हैं। इस मीटिंग में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका के सुरक्षा सलाहकारों ने वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने खतरों पर भी चर्चा की। ब्रिक्स एनएसए वर्चुअल मीटिंग की मेजबानी रूस ने की थी।
रूस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ब्रिक्स के पांच देशों ने एंटी-टेररिजम स्ट्रैटिजी तैयार का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिसे अप्रूवल के लिए अगले ब्रिक्स सम्मलेन में पेश किया जाएगा। इस ड्राफ्ट स्ट्रैटिजी में कहा गया है कि कोई भी देश किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर उसकी संप्रभुता का सम्मान करेगा। साथ ही, इस ड्राफ्ट में सुरक्षा मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को प्राथमिकता दी गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने जैविक सुरक्षा सहयोग और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की सुरक्षा पर भी चर्चा की। सभी ने सूचना क्षेत्र में सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सिस्टम तैयार करने पर जोर दिया। रूस के बयान के मुताबिक, इस मीटिंग में ईरान, वेनेजुएला और सीरिया में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की गई। भारत ने इस मीटिंग को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
रूस के एक अधिकारी के अनुसार बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के अलावा आतंकवाद और चरमपंथ पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा मुद्दों पर वार्ता को और बढ़ाने तथा सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच करीबी समन्वय पर एक समझौता किया गया।.