चीन ने अगर आसमान में सीएच 6 ड्रोन आर्मी उतारने का मंसूबा जाहिर किया है तो भारत ने उन ड्रोन को मार गिराने की वाली मिसाइल उतार दी है। भारत की इस मिसाइल के सफल परीक्षण की खबरें मिलते ही चीनी खेमों में सन्नाटा है। कहा जा रहा है कि चीन ने अपने नए ड्रोन पर पर्दा डाल दिया है। चीन की मंशा भारतीय फौजों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालना था लेकिन डीआरडीओ ने चीन की हवा ही निकाल दी। भारत की इस मिसाइल का नाम आकाश प्राइम है। इस मिसाइल की खासियत यह है कि उड़ते हुए दुश्मन को आसमान में खोज कर खत्म करती है। डीआर डीओ ने इसका परीक्षण चांदीपुर रेंज में किया।
डीआरडीओने जानकारी दी है कि 'आकाश प्राइम' का ओडिशा के चांदीपुर आईटीआर सेसफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इसने अनमैन्ड एरियल टारगेट यानी उड़ते हुए दुश्मन को पहचाना और मार गिराया। आकाश प्राइम, आकाश मिसाइल का अपग्रडेड वर्जन है। इस मिसाइल में नए फीचर्स जोड़ने के बाद पहली बार इसका परीक्षण किया गया है।
'वर्तमान आकाश प्रणाली की तुलना में 'आकाश प्राइम' में सटीकता के लिए आर एफ का पता लगाने की स्वदेशी तकनीक लगी है। अन्य सुधार के चलते भी ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में यह भरोसेमंद प्रदर्शन कर सकती है।''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य हितधारकों को 'आकाश प्राइम' के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण से यह सिद्ध होता है कि डीआरडीओ विश्व स्तरीय मिसाइल प्रणाली का विकास करने में सक्षम है। डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने भी मिसाइल का परीक्षण करने वाली टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 'आकाश प्राइम' प्रणाली से भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना का मनोबल और ऊंचा होगा।