Agni 5 Missile :भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख पर तनाव के बीच हिन्द महासागर में एक बेहद अलग नजारा देखने को मिल रहा है। दरअसल, हाल फिलहाल हिंद महासागर में चीन का जासूसी जहाज की एंट्री को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस चर्चा की वजह कुछ और नहीं बल्कि भारत का दमदार और घातक मिसाइल परीक्षण है। भारत अगले हफ्ते तक अपनी लम्बी दूरी की मिसाइल का परीक्षण करने की योजना बना रहा है। इस मिसाइल पर नजर रखने के लिए चीन की तरफ से लुकाछिपी का खेल शुरू हो गया है। ऐसे में चीन के जासूसी जहाज युआन वैंग 5 ने सोमवार को इंडोनेशिया (Indonesia) के पास हिंद महासागर में दस्तक दी है। आखिर क्या वजह है कि ड्रैगन इस तरह की हरकत कर रहा है।
ट्राइ-सर्विस स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड में होगा शामिल
भारत जल्द अपनी सबसे घातक बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की टेस्टिंग करने वाला है। स्वदेशी मिसाइल की मारक क्षमता 5500 किलोमीटर से अधिक है। अग्नि-5 को ट्राइ-सर्विस स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (SFC) में शामिल किए जाने का प्रोसेस चल रहा है। तीन स्टेज वाले अग्नि-5 मिसाइल का पहला ‘यूजर ट्रायल’ अक्टूबर 2021 में किया गया था।
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साल 2008 में काम शुरू हुआ
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2008 में अग्नि-V पर काम शुरू कर दिया है। DRDO के रिसर्च सेंटर इमरात , एडवांस सिस्टम लैब (ASL) और हैदराबाद में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने इस के पीछे अहम भूमिका निभाई है। अग्नि-5 उच्च स्तर की सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर से अधिक तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। तीन चरण के सॉलिड ईंधन वाले इंजन का यूज करता है। यह मिसाइल लगभग 17-मीटर लंबी, 2-मीटर चौड़ी है। इसका वजन लगभग 50 टन है।
अग्नि-5 का रात में हुआ परीक्षण
अग्नि पांच मिसाइल के अब तक 8 टेस्ट हो चुके हैं। इस मिसाइल का पहला टेस्ट अप्रैल 2012 को हुआ था। इस मिसाइल का आखिरी टेस्ट पिछले साल अक्टूबर में रात में किया गया था। यह मिसाइल ‘क्रेडिबल मिनिमम डेटरेंस’ होने की भारत की घोषित नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। चीन ने हाल ही में अपने डिफेंस आर्मरी का विस्तार किया है। चीन के पास 350 परमाणु हथियार हैं।