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यूपी में ‘योगी’ का असर, मस्जिदों से लगातार हो रहे ऐलान, ‘सड़कों पर नहीं पढ़ी जाएगी अलविदा जुम्मे की नमाज’

यूपी में 'योगी' असर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस वक्त एक से एक कड़े फैसले ले रही है। कुछ दिनों पहले देशभर में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकरम मुद्दा गरमाया हुआ था। जिसपर राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयजोन पर पाबंदी के साथ ही धार्मिक स्थलों से लाउस्पीकर उतरवा दिया था। अब योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अदेश दिया है कि, रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को होने वाले जमात उला विदा यानी अलविदा जुमा की नमाज इस बार सड़कों पर नहीं पढ़ी जाएगी।

अलविदा जुमा की नमाज के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, अलविदा जुमे की नमाज कहीं भी सड़क पर नहीं पढ़ी जाएगी। लोगों से अपने घरों में या मस्जिदों में ही नमाज पढ़ने की अपील की गई है। इसके अलावा मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज भी मानकों के अनुसार रखने की सलाह दी गई है। ये पहला मौका है जब मुस्लिम धर्मगुरु सामने आकर लोगों से सड़कों पर नमाज न पढ़ने की अपील कर रहे हैं।

ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें नमाजियों से मस्जिद के अंदर ही नमाज अदा करने की अपील की गई। ताकि नमाजियों की वजह से ट्रैफिक जाम जैसी समस्‍याएं न आएं। फिरंगी महली ने लोगों से ये भी अपील की है कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर की आवाज भी कम रहे।

वहीं, एडीजी (सुरक्षा औऱ कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि, शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते ही जुमे की नमाज को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कह चुके हैं कि उनकी सरकार सभी धर्मों को समान सम्मान देती है, लेकिन अगर लोग दूसरों को परेशान करने के लिए अपनी आस्था का घिनौना प्रदर्शन करते हैं, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों ने हनुमान जयंती के अवसर पर सूबे के माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश की थी। इसको देखते हुए सीएम ने अधिकारियों से 3 मई को ईद और अक्षय तृतीया एक साथ मनाए जाने की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा।