आज लोकसभा में बजट सत्र के पहले चरण का आखिरी दिन है। लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर कैडर रेऑर्गेनाइजेशन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 का जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने से कोई लेना-देना नहीं है, सही समय आने पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने कहा कि ओवैसी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में मुसलमान अफसरों की संख्या कम है। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आप अफसरों को भी हिन्दू मुस्लिम के आधार पर बांटेंगे। क्या हिन्दू अफसर मुस्लिम नागरिक से बात नहीं कर सकता है। मुस्लिम अफसर हिन्दू नागरिक से सवाल नहीं पूछ सकता है क्या? आप अफसरों को भी धर्म के आधार पर बांटेंगे। अमित शाह ने आगे कहा अधीर रंजन चौधरी हमसे 2G और 4G की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो मोबाइल सेवाएं ही बरसों तक बंद रखी। हम पर दबाव की बात की जा रही है। जरा यह भी तो बताएं कि आखिर धारा 370 को इतने साल कितने किसके दबाव में चालू रखा। जो हमसे 17 महीने में अस्थाई तौर पर राज्य के दर्जे को निलम्बित करने पर सवाल उठा रहे हैं। वो बताएं कि 70 साल तक अस्थाई 370 को क्यों जारी रखा?
केंद्र सरकार के काम को गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि जितना काम पूर्व की सरकारों ने 4 पीढ़ियों में किया है उतना काम हमने 17 महीनों में कर दिया। 17 महीने में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई काम हुए। पनबिजली परियोजनाओं में 3490 मेगावाट का काम हुआ है। लगभग सभी घरों को बिजली दी गई है। 3 लाख 57 हजार परिवारों को बिजली दी गई है। हर किसान को 6 हजार रुपये उनके खाते में मिल रहा है। 8 लाख छात्रों को DBT के माध्यम से छात्रवृति दी जा रही है। आज बच्चों के हाथों में बंदूक की बजाय बैट है, साल 2022 तक कश्मीर को रेल सेवा से जोड़ने का प्रस्ताव है।