Hindi News

indianarrative

बुरे फंसे अनिल देशमुख और ट्रांसपोर्ट मंत्री- सचिन वाझे ने NIA को लेटर लिख किया सनसनीखेज खुलासा

Sachin Vaze Write a latter to NIA

एंटीलिया के स में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को पूर्व API सचिन वझे को स्पेशल कोर्च में पेश किया। जांच एजेंसी की मांग पर कोर्ट ने वझे की कस्टडी 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पेशी के दौरान सचिन वझे ने अदालत के सामने एक लिखित बयान पेश किया। यह बयान उसने NIAकी कस्टडी के दौरान दिया था। इसमें सचिन वझे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब पर भी अवैध वसूली के लिए कहने का आरोप लगाया है। इससे पहले परमबीर सिंह ने भी आरोप लगाया था कि देशमुख ने ही वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही का टारगेट दिया था।

एक टीवी चैनल की रिपोर्ट की माने तो, सचिन वाझे ने एनआईए को हाथ से लिखे लेटर में दावा किया है कि एनसीपी चीफ शरद पवार मुंबई पुलिस में उसकी बहाली के विरोध में थे। अनिल देशमुख ने उसे कहा था कि यदि वह 3 करोड़ रुपए लाकर देगा तो वह शरद पवार को मना लेंगे। वझे ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी उसे बीएमसी से जुड़े 50 ठेकेदारों से 2-2 करोड़ रुपए उगाही करने को कहा था। चार पेज के इस लेटर को वाझे ने एनआईए कोर्ट को सौंपा है।

वाझे ने दावा किया है कि अनिल देशमुख ने उसे अक्टूबर 2020 में साहाद्री गेस्ट हाउस में बुलाया और मुंबई में 1650 बार और रेस्त्रां से उगाही करने को कहा। हालांकि, वाझे ने यह भी कहा है कि उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। अनिल देशमुख ने एक बार फिर जनवरी 2021 में ऐसा करने को कहा। उसकी यह मुलाकात देशमुख के आधिकारिक बंगले पर हुई थी। इस दौरान मंत्री के पीए कुंदन भी वहां मौजूद थे। वाझे के मुताबिक, मीटिंग में देशमुख ने हर बार और रेस्त्रां से 3-3.5 लाख रुपए वसूलने को कहा।

महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब ने भी उगाही करने को कहा था। उन्होंने जुलाई-अगस्त 2020 में मुलाकात की थी और सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (SBUT) से 50 करोड़ वसूलने को कहा था। जिसके खिलाफ जांच चल रही थी। वाझे ने आगे लिखा कि, ''जुलाई-अगस्त 2020 में मंत्री अनिल परब ने मुझे उनके आधिकारिक बंगले पर बुलाया। बैठक में परब ने मुझे शिकायत में शुरुआती जांच देखने और ट्रस्टीज से तोलमोल करने को कहा। उन्होंने मुझे जांच बंद कराने के नाम पर SBUT से 50 करोड़ लाने को कहा। मैंने इसमें असमर्थता जताई क्योंकि SBUT में किसी को नहीं जानता था और जांच पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं था।''

इसके बाद अनिल परब दूबारा जनवरी 2021 में बुलाया और बीएमसी के कुछ ठेकेदारों के खिलाफ जांच और प्रत्येक से 2 करोड़ रुपए वसूलने को कहा। वाझे ने लिखा, ''उन्होंने मुझे ऐसे 50 ठेकेदारों से कम से कम 2 करोड़ रुपए लाने को कहा।'' उसने अनिल देशमुख और अनिल परब से उगाही को लेकर मिले आदेश के बारे में पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को सूचित किया था। वाझे ने यह भी कहा है कि परमबीर सिंह ने उन्हें इन मांगों को नहीं मानने को कहा था।