<p id="content">आगामी एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस बार कागज रहित (पेपरलेस) होगा, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्रालय ने बजट दस्तावेजों को नहीं छापने का फैसला किया है। यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि बजट पत्रों को मुद्रित (प्रिंट) नहीं किया जाएगा।</p>
सूत्रों ने कहा कि सरकार को <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/new-building-of-parliament-will-be-triangular-pm-will-do-bhoomi-pujan-on-10-december-20501.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">संसद के दोनों सदनों</a> से ऐसी अनुमति मिली है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है। बता दें कि आम बजट के मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को एक पखवाड़े तक प्रेस में रहने की जरूरत पड़ती। कोरोना वायरस के आशंकाओं के बीच इससे बचने का फैसला लिया गया है।
<strong>बजट दस्तावेज आम तौर पर नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के इन-हाउस प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इस बजट में कई परंपराएं टूट सकती हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित होने वाले इस बार के बजट में 'हलवा' समारोह भी इस बार टाला जा सकता है या फिर इसमें कम व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं। खबर है कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला किया है। </strong>
यह समारोह, जो आम तौर पर 20 जनवरी के आसपास शुरू होता है, इसमें बजट बनाने वाले सभी लोग शामिल होते हैं और छपाई की शुरुआत को चिन्हित करते हैं। एक बार प्रिंटिंग शुरू होने के बाद, प्रिंटिंग कर्मचारी बजट की प्रस्तुति तक प्रेस के अंदर रहते हैं। केवल कुछ उच्च रैंक वाले अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होती है और वह भी विशेष पहचान पत्र के आधार पर ही अंदर जा सकते हैं। इससे संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया जैसे लोडिंग-अनलोडिंग और परिवहन जैसे काम विशेष सुरक्षा बलों द्वारा संचालित होते हैं।.