हिंदुस्तान की हेलिना मिसाइलों (HELINA Missile) की हनक से पाकिस्तान हलकान है। पाकिस्तान लगते पश्चिमी बॉर्डर के पास जैसे ही हेलिना एक-एक अपने निशाने को शिकार बना रही तो वहीं पाकिस्तान में बैठी फौज की दम खिसक रही थी। पाकिस्तानी फौज को लग रहा था कि हिंदुस्तानी फौज कहीं असली हमला न कर दे। दरअसल, राजस्थान के रेतीले मैदान में इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स दोनों ने संयुक्त रूप से एंटी टैंक हेलिना मिसाइलों का परीक्षण किया था। ये मिसाइलें ऐसी हैं कि एक बार दुश्मन को साध कर छोड़ दी जाएं तो ये दुश्मन को ढूंढ कर ढेर कर देती हैं। इसलिए इनके बारे में कहा जाता है कि दागो और भूल जाओ।
रक्षा अनुसंधान और विकास परिषद (DRDO) के मुताबिकइन मिसाइलों कोध्रुव हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया। चार मिसाइल का परीक्षण 7 किलोमीटर के न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइल की क्षमता को आंकने के लिए किया गया था।
डीआरडीओ ने बताया कि इस परीक्षण के दौरान अंतिम टारगेट एक पुराने टैंक पर किया गया। सभी परीक्षण सौ फीसदी सफल रहे। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)हेलिनाऐसा रॉकेट है, जिसे गाइड करके निशाने पर साधा जाता है उसके बाद दुश्मन का बचना नामुमकिन होता है।
डीआरडीओ के मुताबिक, हेलिना एक तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल (ATGM) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) में इंस्टालड किया गया है। होलिना सभी मौसम यानी गर्मी-सर्दी और बारिश के साथ ही दिन-रात किसी भी समय अचूक निशाने में सक्षम है और दुश्मन के टैंको को पलक झपकते उड़ा सकती है। हेलिना मिसाइल सीधे हिट मोड के साथ ही साथ टॉप अटैक मोड दोनों में टारगेट पर निशाना लगा सकती है।