चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे सुरक्षा स्थिति एवं परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा करने के लिए उत्तराखंड में दो दिवसीय दौरे पर हैं। भारतीय जवानों को चीन की सीमा से लगे उत्तराखंड में विभिन्न ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात किया गया है। सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्दियों के कठोर मौसम का सामना कर रहे हैं।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जनरल नरवणे बुधवार को भारतीय सेना के महत्वपूर्ण सैन्य स्टेशनों में से एक जोशीमठ छावनी में रहेंगे। जनरल नरवणे गुरुवार को फॉरवर्ड एरिया का दौरा करेंगे और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे।"
भारत और चीन की सेनाओं के बीच एलएसी पर आठ महीने से गतिरोध कायम है। बातचीत के कई स्तरों के बावजूद गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है। हालांकि हाल ही में दोनों देशों के बीच विचार-विमर्श के तहत सैनिकों को पीछे हटाने के लिए तीन-चरण के प्रस्ताव पर बातचीत हुई है।
<img class="wp-image-17553" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/जनरल-नरवणे-300×200.jpg" alt="General Narwane will remain in Joshimath Cantonment on Wednesday." width="443" height="295" /> जनरल नरवणे बुधवार को जोशीमठ छावनी में रहेंगे।पिछले हफ्ते, सेना प्रमुख दो दिनों के लिए नेपाल गए थे, ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हो सके। चार नवंबर से छह नवंबर के बीच नरवणे ने नेपाल का दौरा किया था, जहां उन्होंने अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा, नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात की।
उन्हें एक समारोह में नेपाली सेना के जनरल के मानद रैंक से भी सम्मानित किया गया था। उनकी नेपाल यात्रा को कूटनीति के आधुनिक सिद्धांतों के आधार पर नेपाल के साथ संबंधों को फिर से बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले महीने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ जनरल नरवणे ने पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग जिले में सुकना कॉर्प का दौरा किया था।.