पूर्वी लद्दाख में कई इलाकों से सेना को वापस बुलाने के बजाए चीन अपने निचले इलाकों में युद्धाभ्यास कर रहा है। खबरें कई दिनों से आ रही थीं लेकिन पहली बार सेना प्रमुख एमएम नरवणे पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चीन की हर हरकत पर हमारी नजर है। वो दाएं जाते हैं या बाएं जाते हैं, इसको गौर से देख रहे हैं। हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। कोरोना से जंग हो या ड्रैगन से, एलएसी हो एलओसी भारतीय सेना हर समय हर मोर्चे पर लड़ने और जीतने का जज्बा रखती है।
हालांकि, सेना प्रमुख ने सीमा पर हालात सामान्य होने की बात कही। उन्होंने कहा, 'हम सभी इस विशेष अवधि के दौरान अपने प्रशिक्षण क्षेत्रों में आ जाते हैं। ऐसे ही चीन भी अपने प्रशिक्षण क्षेत्र में आ गया है। ऐसे किसी भी क्षेत्र में कोई हलचल नहीं हुई है, जहां से हम अलग हुए हैं। पैंगोंग त्सो डिसएंगेजमेंट का दोनों पक्षों ने सम्मान किया है।'
पूरे देश में कोरोना ने कहर बरपाया है। सेना के जवान भी इसकी चपेट में आए हैं। लेकिन, अब हालात सुधर रहे हैं। सेना प्रमुख नरवणे ने कहा किसेना में कोरोना के मामलों में कमी आई है। दूसरी लहर आने के बाद शुरुआत में सेना में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े थे। पिछले साल जो निर्देश पारित हुए थे, इस साल उन सभी को दोबारा लागू किया गया है। शुरुआती उछाल के बाद गिरावट देखी गई है।
नरवणे ने बताया कि सेना के अस्पतालों में ऑक्सिजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है। अप्रैल के मध्य में इनकी संख्या करीब 1,800 थी। अब यह बढ़कर तकरीबन 4,000 हो गई है। ऑक्सिजन प्लांट भी बढ़े हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर 42 कर दी गई है। यह पहले के मुकाबले दोगुनी है।
बता दें कि पिछले साल से भारत और चीन के बीच काफी तनातनी रही है। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच खूनी झड़प के बाद ऐसा हुआ। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।