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LAC के आसमान में युद्धाभ्यास कर रहे चीन के फाइटर जेट, भारत पर अचानक हमले का इरादा तो नहीं!

LAC पार युद्धाभ्यास में जुटी चीनी सेना

भारत और चीन के बीच पूर्व लद्दाख में पिछले एक साल से चला आ रहा गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है। चीनी वायु सेना पूर्वी लद्दाख के सामने अपने क्षेत्र में बड़ा अभ्यास करते हुए नजर आई है। इस अभ्यास में चीन के लगभग दो दर्जन विमाल शामिल हुए। चीन के लड़ाकू विमानों के अभ्यास पर भारत की फौज भी करीब से नजर बनाए हुई है।

खबरों की माने तो न्यूज एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि चीनी सेना के इस अभ्यास में लगभग 21-22 चीनी लड़ाकू विमानों में मुख्य रूप से J-11 शामिल थे, जो कि SU-27 लड़ाकू विमानों की ही कॉपी हैं और इसके अलावा J-16 विमान भी उड़ान भरते हुए नजर आए। इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारतीय सशस्त्र बल भी पूरी तरह से सतर्क हैं और चीनी सेना की इन सभी हरकतों पर कड़ी नजर बनाए रखे हैं। भारतीय सेना ने भी पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों और लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रखी है।

सूत्रों ने कहा कि भले ही चीन ने पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को हटा लिया हो, लेकिन उसने HQ-9 और HQ-16 समेत अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को वहां से नहीं हटाया है, जो लंबी दूरी पर विमान को निशाना बना सकता है। भारत ने झिंजियांग और तिब्बत क्षेत्र में होटन, गार गुंसा, काशघर, होपिंग, डकोंका द्ज़ोंग, लिंझी और पंगट एयरबेस में हवाई क्षेत्रों सहित चीनी वायु सेना की गतिविधियों को करीब से देखा है।

खबरों की माने तो चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधियां उसके ठिकानों से हुईं, जिनमें होतान, गार गुन्सा और काशगर हवाई क्षेत्र शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में सभी तरह के लड़ाकू विमानों को चलाने और हवाई अड्डों पर मौजूद सेनानियों की संख्या को छिपाने के लिए तैयार किया गया है। हवाई अभ्यास के दौरान चीनी लड़ाकू विमान अपने क्षेत्र के भीतर ही रहे।

सीमा पर भारतीय वायु सेना ने भी विमानों की तैनाती काफी बढ़ा दी है। इसमें नियमित रूप से अपने सबसे सक्षम राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल है। राफेल की तैनीती के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और मजबूत हुआ है। वायु सेना मिग-29 समेत अपने कई और लड़ाकू विमानों की टुकड़ियों को तैनात कर रही है।