विदेशी राजनयिकों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार से जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू कर रहा है। 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद से विदेशी राजनयिकों की जम्मू-कश्मीर की यह चौथी यात्रा है।
आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद, विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 2019, जनवरी 2020 और फरवरी 2020 में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूरोपीय संघ के राजदूत, उगो एस्टुटो द्वारा किया जा रहा है और इसमें यूरोपीय संघ, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों के सदस्य शामिल होंगे।
प्रतिनिधिमंडल में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य भी शामिल हैं।जम्मू-कश्मीर के लिए राजनयिकों की यात्रा गृह मंत्रालय (एमएचए) के निमंत्रण पर हो रही है।प्रतिनिधिमंडल के सदस्य जिला विकास परिषदों (डीडीसी) के नवनिर्वाचित सदस्यों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, कुछ समाचार पत्रों के संपादकों, सिविल प्रशासन के अधिकारियों और सेना के जवानों सहित विभिन्न हितधारकों से मुलाकात करेंगे।
सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के उन्मूलन के बाद की गई विकासात्मक पहलों के बारे में बताएंगे, जबकि सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी देंगे।प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गुलमर्ग का दौरा करेंगे और श्रीनगर में डल झील पर शिकारा की सवारी का आनंद भी लेंगे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य 18 फरवरी को शीतकालीन राजधानी जम्मू का दौरा करेंगे, जहां वे अपनी यात्रा के समापन से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे।