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सच्चाई सामने आई तो तिलमिलाए केजरीवाल, अस्पताल, बेड और ऑक्सीजन पर हुए सवाल तो 7 पत्रकारों को AAP ने वॉट्सऐप ग्रुप से निकाला बाहर

Arvind kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मीडिया मैनेजमेंट अच्छी तरह से जानते हैं। वो काम से ज्यादा नाम पर जोर देते हैं। केजरीवाल जब से राजनीति में आए हैं मीडिया के चहेते रहे हैं। ये उनका कौशल कहीए या कुछ और। वो हर दिन समचारों के हेडलाइन में बने रहते हैं। हालांकि कोरोना काल में दिल्ली की सच्ची तस्वीर दिखाने पर वो अब पत्रकारों से नाराज हैं। दरअसल कोरोना के कारण दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था घुटने पर आ गई है। केजरीवाल हमेशा बड़े होल्डिंग में, अखबारों में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा की प्रचार किया करते थे, लेकिन कोरोना ने उनकी पोल खोल कर रख दी।

अब खबर आ रही है कि केजरीवाल हिंदुस्तान टाइम्स के पत्रकारों से नाराज हैं और उन्होंने अपने ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप से हिंदुस्तान टाइम्स के 7 पत्रकारों को बाहर का रास्ता सिर्फ इसलिए दिखा दिया क्योंकि उनके पेपर में AAP की आलोचना करने वाला एक लेख प्रकाशित हुआ था। जिस लेख से केजरीवार नाराज हैं वो लेख हिन्दुस्तान टाइम्स में 6 मई का आया था। इस लेख को रिपोर्ट को स्वेता गोस्वामी ने लिखा है। इसकी हेडलाइन Anatomy of Capital oxygen crisis: 5things Delhi govt didn’t get right है।

इस लेख में है क्या?

इस लेख में कोरोना के दौरान केजरीवार सरकार की मिसमैनेजमेंट को उजागर किया गया है। बताया गया कि कैसे AAP सरकार ऑक्सीजन सप्लाई करने में विफल हुई, कैसे वह दिल्ली में ऑक्सीजन का वितरण नहीं कर पाई, कैसे उन्होंने ऑक्सीजन रिफिलिंग सिलेंडर के बारे में जागरूकता नहीं फैलाई, कैसे मरीजों की मदद के लिए कोई सेंट्रालाइज्ड नंबर नहीं तैयार किया, कैसे दिल्ली में पीएसए प्लांट लगाने को मना किए गए और कैसे दूसरी लहर में सरकार ने रिस्पॉन्स किया।

इस रिपोर्ट को पढ़कर केजरीवाल आगबबूले हो गए हैं। केजरीवाल के मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी ने 7 रिपोर्टरों को ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा दिया। IANS पत्रकार नवनीत मिश्रा ने AAP की इस हरकत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया। नवनीत ने लिखा, “जिस रिपोर्टर ने कोरोना प्रबंधन में दिल्ली सरकार की 5 बड़ी लापरवाही उजागर की,उसे प्रवक्ता ने आधिकारिक मीडिया वॉट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया। क्या दिल्ली सरकार की यही है अभिव्यक्ति की आजादी? कुछ साल पहले 1 टीवी पत्रकार को भी ऐसे बाहर किया गया था। दिल्ली सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए।”

इस ग्रुप में 150 से अधिक पत्रकार है और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जहाँ चुनिंदा लोगों ने पत्रकारों को बाहर करने पर अपनी आवाज उठाई, वहीं कई वरिष्ठ पत्रकार ग्रुप में ऐसे भी रहे, जिन्होंने केजरीवाल सरकार की नजरों में उतरने से बचने के लिए मौन धारण किए रखा।

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली का बुरा हाल है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं। लेकिन केजरीवाल सरकार को अपनी इमेज की चिंता है। आप ये जान के हैरान हो जाएंगे कि अरविंद केजरीवाल पिछले 2 साल में अपने प्रचार में 800 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ये खुलासा एक आरटीआई में हुआ है।

INPUT- India.com