अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात बद से बदतकर होते जा रहे हैं। लोगों की जान दाव पर लगी है। अफगानिस्तान की आम जनता किसी भी तरह से देश से भागने की कोशिश में लगी हुई है। इधर तालिबान के कब्जे को को लेकर भारत में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। हमेसा से अपने बयानों की वजह से विवादों में घीरे ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अफगानिस्तान के हालात की तुलना भारत से की है। उनके इस बयान के बाद चौतरफा आलोचना हो रही है। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा है कि ओवसी को देश छोड़ देना चाहिए और अफगानिस्तान चले जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने अपने एक बयान में कहा कि, ओवैसी को उनकी महिलाओं और समुदाय की रक्षा करने के लिए अफगानिस्तान भेज देना बेहतर है। इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि भारत केवल अफगानिस्तान के नागरिकों की ही रक्षा नहीं करेगा, बल्कि यहां आने की इच्छा रखने वाले सिख और हिंदू समुदाय के अल्पसंख्यकों को शरण भी देगा।
अपने एक कार्यक्रम के दौरान ओवैसी ने केंद्र सरकार को लेकर था कि, भारत में महिलाओं पर जुल्म हो रहे हैं, लेकिन वे अफगानिस्तान की चिंता कर रहे हैं। ओवसी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि, इंडिया में 9 में से एक बच्ची पांच साल की उम्र से पहले ही मर जाती है। लेकिन वे (केंद्र) अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर चिंतित हैं। क्या यह यहां नहीं हो रहा?
बताते चलें कि, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में कई व्यवसायी महिलाओं ने अपना रेस्तरां बंद कर दिया। तालिबान के कब्जे के बाद से सभी शैक्षणिक केंद्र, स्कूल, विश्वविद्यालय, सरकारी भवन और निजी कार्यालय भी बंद कर दिए गए हैं। महिलाओं को घर से अकले निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है, छोटे और चुस्त कपड़े पहनने पर हाल ही में एक महिला को गोली तालिबानियों ने गोली मार दी थी। कई टीवी चैनलों में काम करने और सरकार संस्थाओं में काम करने वाली महिलाओं को नौकरी पर वापस आने से रोक लगा दिया है।
बताते चलें कि, अफगानिस्तान से भारत लगातार अपने नागरिकों को निकाल रहा है, और साथ ही उन अफगानों के लिए आपातकालीन ई-वीजा सेवा शुरू किया गया है जो भारत आना चाहते हैं। साथ ही अफगानिस्तान से वापसी से जुड़े निवेदनों में सहायता करने के लिए 24×7 विशेष अफगानिस्तान सेल की शुरुआत की गई है।