Hindi News

indianarrative

पटरियों पर दौड़ेगा हवाई जहाज, इंडियन रेलवे का ये है पूरा प्लान

44 नई वंदे भारत ट्रेन के लिए भारतीय रेलवे ने दिया ठेका। फाइल फोटो

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना में से एक वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) कई अन्य शहरों से भी शुरू होगी। 44 नई वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए रेलवे ने टेंडर अलॉट कर दिया है। ये ट्रेनें अगले वर्ष से पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देंगी। वंदे भारत एक्सप्रेस, आत्मनिर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat – Make In India) का शानदार उदाहरण है। 44 नई वंदे भारत ट्रेनों के आ जाने से भारतीय रेल यातायात में काफी तेजी आएगी। भारतीय रेलवे ने मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड को 44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को बनाने का ठेका दिया है। प्रत्येक ट्रेन में 16 कोच होंगे। मेक इन इंडिया पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए ये ठेका भारतीय फर्म को दिया गया है। नई ट्रेनों में लगभग 90 प्रतिशत सामान भारत में ही बने होंगे। 

रेलवे बोर्ड के अनुसार ट्रेन का निर्माण जल्‍द शुरू कर दिया जाएगा। पहली ट्रेन 18 माह के रिकॉर्ड समय में बनाई गई थी, जिसकी कीमत करीब 97 करोड़ आई थी। बाद में इसकी डिजाइन में कई बदलाव किए गए, जिससे बिजली की खपत और कीमत दोनों कम हुईं।

वंदे भारत भारत बनाने की घोषणा 2017 में हुई थी और 2018 में ट्रेन चलनी थी, इसलिए इसका नाम टी 18 रखा गया था। 2018 के अंत में पहली ट्रेन तैयार हो गई। बाद में इसका नाम बदलकर वंदे भारत कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाई थी। यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई। दूसरी ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर 2019 को हरी झंडी दिखाई थी। यह ट्रेन नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच शुरू हुई।

वंदे भारत एक्‍सप्रेस की खासियत

इस ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। कोच में कुर्सियां 180 डिग्री यानी बिल्कुल विपरीत दिशा में घुमाई जा सकती हैं। खाने-पीने का सामान रखने के लिए डीप फ्रीजर लगाए गए हैं। ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट सिस्टम लगाया गया है, यहां आप अपनी पसंद के गाने या मूवी देख सकते हैं। खिड़कियों पर खास फिल्म लगाई गई है। पायलट को तेज रोशनी से बचाने के लिए कॉकपिट के शीशे पर रोलर ब्लाइंड सनस्क्रीन लगाई गई है। कॉकपिट में ज्यादा शोर न हो, इसके लिए कई इन्सुलेशन का इस्तेमाल किया गया है। ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं।