अयोध्या में झूलोत्सव बहुत की धूमधाम से मनाया जाता है, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 21 किलो चांदी से रामलला का झूला बनवाया है। 13 अगस्त से वह झूले में विराजेंगे। अयोध्या में सावन के महीने में झूलात्सव मनाया जाता है जो इस बार 11 अगस्त से शुरू हो गया है। रक्षाबंधन तक मंदिरों में भगवान को झूला झुलाया जाएगा। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं।
रामलला पहली बार सावन महीने में चांदी के झूले पर विराजमान होने जा रहे हैं। ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला बनवाया गया है। इस झूलोत्सव की शुरुआत पंचमी से होगी। बताया जा रहा है कि टेंट से बाहर निकलने के बाद अस्थाई मंदिर में विराजमान होने के बाद भी रामलला अभी तक झूलोत्सव से वंचित थे। लेकिन अब उनके लिए चांदी के झूले की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही उनके दरबार में इस बार पहली बार झूलन उत्सव की धूम देखने को मिलने वाली है।
In Ayodhya, there is a tradition of Shravan Jhula Utsav. From Shravan Shukla Tritiya till Purnima, Bhagwan Shri Ram gives darshans on a jhula.
Now this 21 kg Silver Jhula has been put in the seva of Bhagwan. pic.twitter.com/eCFDXtaiAO
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2021
रामलला के लिए 21 किलो चांदी का 5 फुट ऊंचा झूला बनवाया गया है, यह झूला मंदिर परिसर में पहुंच चुका है। अब भक्तों को रामलला झूले पर दर्शन देंगे, अयोध्या के सभी मंदिरों में तीज से ही झूलन उत्सव की शुरुआत हो जाती है, लेकिन राम मंदर में पंचमी से झूलन उत्सव की परंपरा है। रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने कहा है कि, पंचमी से राम मंदिर में झूलोत्सव मानया जाएगा। झूला पहले ही मंदिर में पहुंच चुका है, पंचमी को रामलला अपने भाइयों के साथ झूले पर विराजमान होंगे। इसेक बाद पूरे विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना कर उत्सव की शुरुआत होगी।