जमीनों पर अवैध कब्जे और माफियागिरी के आरोप में जेल में बंद सपा सांसद आजमखां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की जन्म कुण्डली में राहू और केतू जम कर बैठ गए हैं। शायद इसीलिए एक समस्या खत्म होने से पहले दूसरी आकर घेर लेती है। नया मामला जयप्रदा पर अभद्र टिप्पणी का है। आजमखां ने मुरादाबाद की एमपीएमलए कोर्ट में आरोपों को खारिज किए जाने की अपील दायर की थी। अगर सपा सांसद आजम खां पर लगे आरोप अदालत में साबित हो जाते हैं तो उनको लोक सभा से बर्खास्त भी किया जा सकता है।
कोर्ट ने आजम खां को राहत देने के बजाए उनकी अपील खारिज करते हुए सुनवाई की नई तारीख डाल दी है। अगर आजम खां पर अभिनेत्री एंव पूर्व सासंद जयाप्रदा के खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो उनकी संसद सदस्यता भी खतरे के घेरे में आ सकती है। ध्यान रहे, मुरादाबाद में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सपा सांसद आजमखां और अन्य सपा नेताओं ने जयाप्रदा पर अश्लील टिप्पणी की थी।
ये कार्यक्रम जून 2019 में आयोजित किया गया था। जयाप्रदा पर अश्लील कटाक्ष वाला वीडियो वायरल होने के बाद मुरादाबाद के कटघर पुलिस स्टेशन के अलावा रामपुर में आजमखां समेत सपा के कई नेताओं के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया गया था। चूंकि यह मामला सांसद से जुड़ा था इसलिए जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद आरोप पत्र एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट में दाखिल कर चुकी है।
आजम खान और अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को लेकर बचाव पक्ष ने डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल की थी। प्रार्थना पत्र पर लंबी बहस चली। बचाव व अभियोजन पक्ष ने अपने अपने तर्क रखें थे अदालत ने बहस के बाद आदेश के लिए 13 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी। बीते दिन विशेष अदालत ने आजम खा्ं की ओर दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। अगली तारीख पर आजम खां और अन्य अभियुक्तों पर आरोप निर्धारित किए जाएंगे। सपा सांसदस आज़म खान और अब्दुल्लाह आज़म फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में हैं।