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Baba Ka Dhaba: चार दिन की चांदनी! बंद हुआ रेस्तरां, बाबा फिर वहीं आए जहां से हासिल की थीं सुर्खियां

photo courtesy Google

दिल्ली का मालवीय नगर इलाके में स्थित 'बाबा का ढाबा' बीते साल काफी चर्चाओं में रहा था। इसको लेकर एक यूट्यूबर ने वीडियो शेयर किया था। जिसमें अस्सी साल के कांता प्रसाद की कहानी को बताया गया था, कि कैसे उन्होंने बिजनेस के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ये वीडियो इतना वायरल हुआ कि हजारों लोगों यहां खाना खाने पहुंच गए। यही नहीं, 'बाबा का ढाबा' को सेलिब्रिटीज ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए प्रमोट किया। इसके बाद कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी की किस्मत चमक उठी।

लोगों ने बाबा को सपोर्ट करने के लिए डोनेट करना शुरु कर दिया। डोनेट के पैसों से कांता प्रसाद ने एक नया रेस्तरां खोला। यही नहीं, अपने घर की मरम्मत भी करवाई, पुराने कर्ज का निपटारा किया और अपने  बच्चों को नए स्मार्टफोन्स भी दिलवाए। इस बीच उन्होंने पैसों को लेकर यूट्यूबर पर केस भी किया। यहां से वो लोगों के आंखों में खटक गए। लोगों का कहना है कि जिसने उनकी मदद की, उसी पर बाबा ने केस कर डाला। नतीजा ये रहा कि लोगों ने 'बाबा का ढाबा' में जाना ही छोड़ दिया।

लोगों की बेरुखी का असर कुछ इस तरह हुआ कि उनका ये नया रेस्तरां अब बंद हो गया और कांता प्रसाद अपनी पत्नी के साथ पुराने ढाबे पर वापस आ गए है। कांता प्रसाद ने बताया कि उन्होंने रेस्तरां में 5 लाख रुपए का निवेश किया था और तीन मजदूर को भी काम पर रखा। मासिक खर्च लगभग 1 लाख रुपए था। 35,000 किराए के लिए, 36,000 तीन कर्मचारियों के वेतन का भुगतान के लिए और 15,000 बिजली और पानी के बिलों के लिए। इसके अलावा खाद्य सामग्री की खरीद के लिए। ये सब कमाई से कही ज्यादा था। रेस्तरां में भारी नुकसान हो रहा था। जिसके चलते बंद करना पड़ा।