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बनारस की नावें अब सीएनजी से चलेंगी, गंगा-घाट का प्रदूषण कम करने की है कोशिश

बनारस की नावें अब सीएनजी से चलेंगी, गंगा-घाट का प्रदूषण कम करने की है कोशिश

धर्म-अध्यात्म और पर्यटन की नगरी काशी की नावों को अब सीएनजी (CNG) से चलाया जाएगा। यहां अधिकतर नावें डीजल इंजन से चलती थींं  जो गंगा में प्रदूषण को बढ़ाती थीं। साथ ही नाविकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार ने वाराणसी में गंगा नदी में मौजूद सभी डीजल इंजन नावों को अब सीएनजी इंजनों में बदलने  का फैसला किया है।

डिविजनल कमिश्नर दीपक अग्रवाल के अनुसार, अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) लगभग 37 करोड़ रुपये की एक परियोजना ला रहा है, जिसके तहत गंगा में चलने वाली नौकाओं के मौजूदा डीजल इंजन को नए सीएजनी इंजनों से बदल दिया जाएगा। इससे प्रदूषण में काफी कमी आएगी और यह नदी की प्राकृतिक सुंदरता को भी बढ़ाएगा।

<strong>उन्होंने आगे कहा, नाव चलाने वालों को हितधारक बनाने के लिए, उनसे एक टोकन राशि ली जाएगी, और डीजल इंजनों को पूरी तरह से निपटारा किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें किसी अन्य नावों में स्थापित नहीं किया जाए। इस परियोजना के लिए तैयार किए गए अनुमान के अनुसार, डीजल से सीएनजी-ईंधन में बदलने के लिए प्रत्येक नाव पर लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आएगा। गेल खिदकिया घाट के पास अपना सीएनजी स्टेशन भी स्थापित करेगा। यह पूरी परियोजना 2021 में शुरू और पूरी होगी।</strong>

वहीं, गेल इंडिया के उप महाप्रबंधक गौरी शंकर मिश्र बताते हैं कि स्थापित होने वाली सीएनजी (CNG) स्टेशन पर 45 हजार लीटर कैसकेड यानी स्टोर करने की क्षमता होगा। यहां पर रिग रोड पर स्थापित मदर स्टेशन से एलसीवी (लाइट कमर्शियल व्हीकल) के माध्यम से गैस मंगाई जाएगी। इसके बाद यहां पर गैस स्टोर की जाएगी। खिड़किया घाट पर जेटी पर डिस्पेंसर लगाया जा रहा है जिससे नावों में गैस भरी जाएगी। शहर में गेल इंडिया की ओर से 10 सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। यहां पर पांच हजार से अधिक आटो सीएनजी से चल रहे हैं। साथ ही करीब चार हजार लोगों के किचन तक पीएनजी पहुंच रही है। मार्च तक एक और सीएनजी स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा।
<h3>खिड़किया घाट को स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किया जा रहा</h3>
आपको बता दें कि शहर के उत्तरी छोर पर स्थित खिड़किया घाट को स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किया जा रहा है। इसके जीटी रोड से सटे होने के कारण आवागमन आसान है और लोग वाहन से घाट के पास तक पहुंच सकते हैं। इस लिहाज से घाट पर 36 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यहीं सीएनजी पंप स्टेशन बनाया जा रहा ताकि लोग नाव पर बैठें और घाटों की सुंदरता निरख सकें।.