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चीनी हथियारों के साथ बांग्लादेश के सैनिक दिल्ली के राजपथ पर! खबर तो सच है मगर…

चीनी हथियारों के साथ बांग्लादेश के सैनिक दिल्ली के राजपथ पर! खबर तो सच है मगर...

14 अगस्त 1947 तक बांग्लादेश (ईस्ट बंगाल) भारत का ही हिस्सा था। 15 अगस्त से यह पूर्वी पाकिस्तान हो गया। 1971 में इतिहास ने पन्ना पलटा और पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में उभरा। बांग्लादेश अपनी आजादी की स्वर्ण जयंती मना रहा है। भारत में अपनी जड़ों को तलाशते हुए बांग्लादेश के सशस्त्र बलों का एक कंटीजेंट इस बार भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होगा। चार साल पहले 2016 में राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांसीसी सैनिकों ने हिस्‍सा लिया था, जब समारोह के मुख्‍य अतिथि फ्रांस के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद थे।

भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए बांग्‍लादेश के 96 सैनिक यहां पहुंच रहे हैं, जो अपने साथ BD-08 रायफल लेकर मार्च करेंगे, जो चीन निर्मित 81 7.62mm असॉल्‍ट वेपन का ही लाइसेंस-प्रोड्यूस्‍ड वैरिएंट है।

बांग्‍लादेश की आयुध फैक्‍ट्री हर साल ऐसे 10,000 असॉल्‍ट रायफल का निर्माण करती है। बांग्‍लादेश की सैन्‍य टुकड़ी को ऐसे समय में भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रित किया है, जब दोनों देश पाकिस्‍तान से अलग होकर एक स्‍वतंत्र एवं संप्रभु देश के रूप में बांग्‍लादेश के अस्तित्‍व में आने की गोल्‍डन जुबली मना रहे हैं। 1971 में बांग्‍लादेश के अलग देश के रूप में सामने आने में भारत की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके लिए बांग्‍लादेश ने कई बार भारत का आभार जताया है।

इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्‍यमंत्री के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया गया है। हालांकि ब्रिटेन में कोविड-19 का नया स्‍ट्रेन सामने आने और यहां कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ गया है।

यह पहली बार है, जब गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन कोरोना महामारी के बीच किया जा रहा है। ऐसे में राजपथ पर दर्शकों की संख्‍या भी कम रहेगी। इस साल राजपथ पर जाकर गणतंत्र दिवस समारोह देखने के लिए केवल 25 हजार दर्शकों को ही अनुमति होगी, जबकि बीते वर्षों में यह संख्‍या 1 लाख से ज्‍यादा भी रही है।

गणतंत्र दिवस समारोह में लोग बच्‍चों को लेकर भी पहुंचते रहे हैं, लेकिन इस बार 15 साल से कम उम्र के बच्‍चों को परेड में जाने की अनुमति नहीं होगी। कोविड संक्रमण के मद्देनजर बच्‍चों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।.