उन्नीस सितंबर 2008 को हुए बाटला हाउस एनकाउंटर मामले पर दिल्ली की साकेत कोर्ट में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी आरिज खान की सजा-ए-मौत का ऐलान किया है। साकेत कोर्ट के अडिशनल सेशन जज संदीप यादव ने यह सजा सुनाई। उन्होंने आरिज को 302का मुजरिम माना है और रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताया। आरिज पर 11लाख का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10लाख मोहन चंद शर्मा के परिवार को मिलेंगे।
इससे पहले इसी घटना में शामिल दूसरे अपराधी शहजाद को उम्र कैद की सजा 2013में ही हो चुकी है। आरिज और शहजाद बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे। जज संदीप यादव ने 8मार्च को आरिज को दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से आरिज को मौत की सजा देने की अपील की थी। आरिज के वकील एमएस खान ने मौत की सजा का विरोध करते हुए कहा था कि आरिज खान की कम उम्र को देखते हुए सजा में रियायत दी जानी चाहिए।
आरिज खान ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाई थी जिससे उनकी जान चली गई। कोर्ट ने आरिज को हत्या, हत्या की कोशिश जैसी IPC की धारा संगीन धाराओं 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया। आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर के 10साल बाद फरवरी 2018में गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोर्ट आरिज के साथी शहजाद अहमद को जुलाई 2013में ही दोषी करार दे चुकी है। आरिज के दोषी करार होने को दिल्ली पुलिस अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है।
कैसे हुए बाटला हाउस एनकाउंटर
13सितंबर 2008को दिल्ली के कई इलाकों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे।ब्लास्ट में 26लोगों की जान गई थी और करीब 133घायल हुए थे।ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की बात सामने आई थी। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 19सितंबर 2008को खबर मिली थी कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के कई आतंकवादी आरिज खान, आतिफ अमीन, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद सैफ और शहजाद अहमद बाटला हाउस की बिल्डिंग एल-18के फ्लैट में मौजूद हैं। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा अपनी टीम के साथ आतंकियों को पकड़ने के लिए पहुंची तो आतंकियों और पुलिस के बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो थे।