भारत के पुराने मित्र और सबसे बड़े रक्षा सहयोगी रूस ने वादा किया है कि वो पाकिस्तान को हथियार नहीं बेचेगा। इसके अलावा रूस की ओर से यह भी कहा गया है कि वो भारत के हितों की रक्षा करेगा। ऐसी भी चर्चा हैं कि भारत और रूस पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू जहाज सुखोई सुखोई टी-50 के निर्माण के बारे में फिर बातचीत शुरु करने जा रहे हैं। ध्यान रहे आज ही से भारत और रूस की नेवी बंगाल की खाड़ी में संयुक्त युद्धाभ्यास भी कर रही हैं। इस युद्धभ्यास और मास्को में रक्षा समझौतों से चीन और पाकिस्तान को गहरी ठेस लगी है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोगी संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए रूस की यात्रा पर हैं। इस दौरान एके-47 राइफल के एडवांस वर्जन ए 203 राइफल के प्रोडक्शन की डील भी फाइनल हो गयी है। इस राइफल का प्रोडक्शन भारत और रूस के संयुक्त रूप से करेंगे। में निर्माण के लिए एक बड़ी डील को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह राइफल इनसास राइफल की जगह लेगी
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रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक ने कहा कि भारतीय सेना को लगभग 770,000 एके-47 203 राइफल की जरूरत है, जिनमें से 100,000 आयात की जाएंगी और बाकी भारत में बनाई जाएंगी। भारत में राइफल्स का निर्माण ज्वाइंट वेंचर इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के हिस्से के रूप में किया जाएगा, जिसे ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), कलाशनिकोव कंसर्न और रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के बीच स्थापित किया गया था।ओएफबी आईआरआरपीएल में 50.5 प्रतिशत की बहुमत हिस्सेदारी का मालिक होगा, जबकि कलाश्निकोव ग्रुप के पास 42 प्रतिशत हिस्सा होगा। रूस की राज्य के स्वामित्व वाली एक्सपोर्ट एजेंसी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट बाकी 7.5 प्रतिशत का मालिक होगा।
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