मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी की अमेजॉन फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई 24,713 करोड़ की डील विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अमेजॉन के हक में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का फैसला लागू करने योग्य है। इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर रिटेल की डील पर रोक का आदेश जारी किया था। जिसके तहत फ्यूचर रिटेल ने अपना पूरा बिजनेस रिलायंस रिटेल को बेच दिया था। आपको बता दें कि सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेटर सेंटर को ही इमरजेंसी आर्बिट्रेटर कहते हैं।
SC rules in favour of Amazon, says Singapore's Emergency Arbitrator award against FRL-Reliance Retail merger enforceable here
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2021
अमेजॉन ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई इस डील का अलग-अलग अदालतों में विरोध किया था। चलिए आपको बताते है कि आखिर क्या है ये पूरा मामला… दरअसल सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि क्या इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के पास आर्बिटल ट्रिब्यूनल का कानूनी दर्जा है? क्या इसे भारत में लागू किया जा सकता है? क्या फ्यूचर ग्रुप की अपील दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई योग्य है? फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 3.4 बिलियन डॉलर के सौदे को अमेजॉन ने चुनौती दी थी।
Big Win for Amazon against Reliance as Supreme Court upholds the Emergency Arbitrator Award pic.twitter.com/wrnkBML6pe
— Bar & Bench (@barandbench) August 6, 2021
इससे पहले सिंगापुर स्ठित इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने भी अमेजन के पक्ष में फैसला किया था और फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ 27,513 करोड़ रुपए की डीजल पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के खिलाफ ही कंपनियों ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि EA का FRL रिलायंस रिटेल के साथ डील से रोकने का फैसला वैध है। इस मामले को लेकर रिलायंस के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। इस समय सेंसेक्स पर रिलायंस टॉप लूजर्स है।