बिहार में अपराधी फिर से पैर पसार रहे हैं। राजधानी पटना में कल शाम एक इंडिगो स्टेशन मैनेजर की सरेआम हत्या कर दी गई है। रूपेश कुमार सिंह नाम के इस मैनेजर पर बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ 6 राउंड फायरिंग की और फिर हथियार लहराते हुए फरार हो गए। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार सुबह ट्वीट करके कहा, 'अनैतिक और अवैध सरकार के संरक्षण में अपराधों और दुष्कर्मों की प्रतिदिन संख्या बढ़ना NDA की सामूहिक विफलता है।'
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, 'नीतीश जी द्वारा अपराधों को छिपाने की चेष्टा एवं उसे स्वीकार नहीं करना ही सबसे बड़ा अपराध और अपराधियों के लिए रामबाण है। उनसे बिहार नहीं संभल रहा, वो अविलंब इस्तीफ़ा दें।' राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा कि जिस शख्स की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, उसे इस तरह से सरेआम गोलियां मारी गई हैं। यह बिहार की नई सरकार पर बड़ा सवाल है। अगर तीन से पांच दिन में निष्कर्ष न निकले तो इस केस को बिहार सरकार को तुरंत सीबीआई को सौंपना चाहिए। इस बात की भी तहकीकात होनी चाहिए कि क्या लॉ एंड ऑर्डर की बात प्रायोजित है। रूपेश के हत्यारे कौन हैं और उनकी हत्या क्यों की गई यह जानना पटना पुलिस के लिए चुनौती है जिसे तीन से पांच दिन में पूरा करना होगा। विवेक ने कहा कि जांच समय से होनी चाहिए वरना इस केस का भी हाल सुशांत सिंह केस टाइप हो जाएगा और केस सीबीआई को लंबे अंतराल के बाद मिलेगी।.