बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में पंचायत चुनाव में आरक्षण में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया है। पंचायत चुनाव में आरक्षण पहले की तरह ही रहेगा। यानी की जो सीट जैसे आरक्षित थी इस बार भी वैसे ही रहेगी। राज्य कैबिनेट की बैठक में नीतीश सरकार ने 45 प्रस्तावों को मंजूरी दी जिसमें पंचायत चुनावों के मद्देनज़र EVM खरीदने के लिए 122 करोड़ रुपए दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गयी है।
दरअसल, बिहार में 300 ग्राम पंचायतें पूरी तरह नगर निकाय का हिस्सा बन चुकी हैं। इसके अलावा कई ग्राम पंचायतों का कुछ ही हिस्सा नगर निकाय में शामिल हुआ है। ऐसे में करीब 200 ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसकी कार्रवाई जिलों में चल भी रही है। इसीलिए सरकार ने फैसला लिया कि ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद भी उनके आरक्षण में कोई बदलाव नहीं होगा। ये साल 2026 के पंचायत चुनाव के पहले तक प्रभाव में रहेगा।
जल्द होगा तारीखों का ऐलान
बिहार पंचायत चुनाव के ऐलान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और जल्द ही तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा। नीतीश कैबिनेट ने पंचायत चुनाव को 10 चरणों में कराने पर अपनी मुहर लगा दी। बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से कराए जाएंगे। बिहार में पहली बार पंचायत का चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। इसकी तैयारी पहले से ही चल रही है। पंचायत चुनाव के लिए 15 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट की खरीद की जानी है। पंचायत चुनाव में सभी छह पदों के लिए अलग-अलग ईवीएम होंगे।