बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पंचायत चुनवा के तारीखों का ऐलान हो गए हैं। पहले फेज के मतदान में काफी कम समय बचा है। इसके लिए सारी तैयारियां जोरो पर है। इस बीच चुनाव में गड़बड़ी करने की के लिए सीमा पार से संदिग्धों के आने की आशंका जताई गई है। इस दौरान पड़ोसी देशों की सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारत-नेपाल सीमा और बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास के इलाकों में बीएसएफ के जवान अलर्ट पर हैं। पंचायत चुनाव के दौरान भीड़भाड़ का फायदा उठाकर संदिग्ध के प्रवेश करने की आशंका है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशी एवं उनके समर्थक सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभा नहीं कर सकेंगे। इसपर कड़ाई से रोक लगा दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा फैसला लिया गया है। एटीएस के एडीजी रविंद्रन शंकरन ने पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी और पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज जिला के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि सीमा से लगे इलाकों में चुनावी सभा नहीं करने दिया जाए। इसके अलावा एडीजी (ATS) ने आईजी को सीमाई इलाकों के क्षेत्रों में जल्द ही जाकर बॉर्डर मीटिंग करने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिया है।
बता दें कि इस बार बिहार पंचायत चुनाव में काफी सख्ती बरती जा रही है। खास कर के सीमा से सटे इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। बिहार पुलिस एसएसबी के जवानों के साथ मिलकर चुनाव के दौरान किसी भी तरह की की हालात के निपटने के लिए तैयार है।