बिहार की राजनीति एक बार फिर से गर्म है। इस कोरोना काम में भी नेता राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आरजेड़ी हमेशा इस फिराक में है कि कैसे सत्ता हासिल किया जाए। जेल से रिहा होने के बाद लालू यादव लगातार अपने विधायकों के संपर्क में हैं। इस बीच पर्व मुख्यमंत्री जितन राम मांझी और साहनी की गुपचुप मुलाकात ने सियासत फिर से गर्म कर दिया है। शनिवार को पूर्व सीएम और हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के मिलने की तस्वीर सामने आने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ने लगा।
जीतन राम मांझी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुकेश सहनी से पंचायत चुनाव के अलावा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है। मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाने की भी मांग की।
आज पटना स्थित अपने आवास पर पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाए जाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री सन ऑफ मल्लाह @sonofmallah मुकेश सहनी जी से विमर्श हुआ। pic.twitter.com/lAXNx3eDXp
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 29, 2021
सवाल उठ रहे कि आखिर जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी की इस मुलाकात की वजह क्या हो सकती है? क्या बिहार में आने वाले दिनों में कोई राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकता है? ये चर्चा इसलिए शुरू हुई क्योंकि दोनों ही नेताओं ने मुलाकात के बाद कोई बयान जारी नहीं किया। हालांकि, हिंदुस्तानी आवाम मोर्च के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने जरूर इस मुद्दे पर एक ट्वीट करके बताया कि मुलाकात में किस मुद्दे पर चर्चा हुई।
मांझी व सहनी की मुलाकात भले ही नई नहीं हो, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि गौर करने लायक है। शनिवार की सुबह जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ भी की थी। मांझी ने ठीक उसी भाषा में सरकार को राज्य में स्वास्थ्य उप केंद्रों को बेहतर बनाने की सलाह दी, जिस भाषा में इन दिनों आरजेडी सहित अन्य विपक्षी दल हमलावर हैं। कहा कि लॉकडाउन कोरोनावायरस संक्रमण से निबटने का समाधान नहीं है। इससे निपटना है तो गांवों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों को दुरुस्त करना होगा। बिहार सरकार में स्वास्थ्य विभाग एनडीए के घटक दल बीजेपी के पास है और मंगल पांडेय (Mangal Pandey) स्वास्थ्य मंत्री हैं। मांझी की बात बीजेपी को सुझाव हो या उसपर हमला, सत्ता पक्ष के सुर से अलग राग जरूर है। इतना ही नहीं, उन्होंने लगे हाथ कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ भी की है।