शनिवार को बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसमें हमारे 22 जवान शहीद हो गए थे। उस मुठभेड़ के बाद से ही CRPF के कमांडो राकेश्वर लापता हैं। अब नक्सलियों की तरफ से दो पेज का बयान जारी कर कहा गया है कि CRPF का कोबरा कमांडो उनके कब्जे में है। प्रतिबंधित कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) ने बयान जारी कर कहा है कि 3 अप्रैल को हुए एनकाउंटर के बाद से लापता जवान उनके कब्जे में है। नक्सलियों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बातचीत के लिए मध्यस्त की घोषणा के बाद ही सीआरपीएफ के कमांडो को छोड़ा जाएगा।
छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि, नक्सलियों की ये चिट्ठी सही है। एक स्थानीय पत्रकार गणेष मिश्रा ने दावा किया है कि, नक्सलियों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि अगर सरकार ने संपर्क किया तो दो दिन में जवान को छोड़ देंगें। नक्सलियों ने कहा है कि जीरागुड़ेम गाव में सैनिक अभियान को पीएलजीए ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
गणेश मिश्रा ने कहा, ''मुझे नक्सलियों से दो फोन कॉल आए हैं कि एक जवान उनकी गिरफ्त में है। उन्होंने कहा कि जवान को गोली लगी है और मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया है। उसे दो दिन में छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि जवान का वीडियो और फोटो भी जल्द जारी करेंगे।''
बयान में कहा गया कि 3 अप्रैल को 2000 पुलिस बल जीरागुड़ेम गांव के पास आए, जिन्हें रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया। तार नक्सली मारे गए हैं। जिसमें से एक की लाश को वो नहीं ले पाए हैं। बाकी तीन नक्सलियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बयान में नक्सलियों ने कहा कि वो पुलिस को अपना दुश्मन नहीं मानते हैं और मृत पुलिस परिवार के लोगों से अपना खेद प्रकट करते हैं। नक्सलियों ने इस बात की पुष्टि भी की है कि उन्होंने सीआरपीएफ जवानों के हथियार और सामान भी लूटे हैं।