किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम के पीछे कांग्रेस है। कांग्रेस के कार्यकर्ता सोशियल मीडिया पर साजिशन अभियान चला रहे हैं। इस अभियान में कुछ पीआर कंपनियां भी सक्रिए हैं। जो पैसे लेकर सोशल इनफ्लुएंसर्स से ट्वीट और रिट्वीट करवा रही हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे इस धंधे का गोरखधंदे इंडियन यूथ कांग्रेस की एक कार्यकर्ता बुरी तरह फंस गई है।
कांग्रेस की यह कार्यकर्ता पहले इलेक्ट्रोनिक मीडिया में काम करती थी और दुबई में बेस्ड थी। इसकी खासियत यह है कि 200-500 रुपये लेकर भी ट्वीट और रिट्वीट करती है। रिया आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) नाम से चल रहे इस ट्विटर एकाउंट का बस एक काम है कि वो किसी भी तरह बीजेपी, संघ और प्रधानमंत्री मोदी की छवि को किसी तरह नुकसान पहुंचाया जाए। इसका ताजा उदाहरण हाथरस की घटना को लेकर इसी ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया एक कार्टून है।
ध्यान रहे, हाथरस की ताजा घटना में आरोपी को कथित रूप से समाजवादी पार्टी का नेता बताया गया है लेकिन आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) ने जो कार्टून शेयर किया है उसमें बीजेपी की ओर उंगली उठाई गई है।
चलिए, बाकी बातें तो आप लोग भी रिया आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) पर जाकर देख सकते हैं कि इस ट्विटर हैंडल पर इस्तेमाल की जा रही भाषा का क्या स्तर है। कितनी नफरत और और ईर्ष्या है। फिल्हाल बात भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली (हरिनगर) के तेजिंदर सिंह बग्गा के उस खुलासे की करते हैं जिसमें रिया आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) को पैसे लेकर ट्वीट कर रही है।
(तेजिंदर बग्गा का खुलासा)
जब उसका पर्दाफाश हो जाता है तो वो दोष अपने किसी एक्स मैनेजर पर मढ़ रही है। कहने का मतलब सिर्फ इतना सा ही है कि कांग्रेस के लोग, खासतौर से वो जो सीधे तौर पर राहुल गांधी से जुड़े हैं वो किसी भी तरह दुनिया भर में बीजेपी, आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी की छवि को खराब करने की साजिश में जुटे हुए हैं।
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि मुंबई में रिलाइंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक मिलने के मामले में ‘जैश-उल-हिंद’कथित नाम के जिस गिरोह की ओर से चिट्ठी भेजी गई थी उसमें भी लगभग यही बात लिखी हुई है कि उनकी लड़ाई ‘बीजेपी, आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी से है।’हो सकता है कि रिया आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) के ट्विटर अभियान और कथित आतंकी गिरोह की चिट्ठी में लिखी इबारत का एक जैसा होना ‘महज इत्तेफाक’ हो, लेकिन मंशा दोनों की एक ही दिखाई देती है।
तेजिंदर बग्गा की तरह ही एएपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा भी दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत भर में रिया आंदोलनजीवी @रिया रिवील्ड (Ria – [email protected]) का पर्दाफाश कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि सरकार ने सोशल मीडिया पर फर्जी कंटेंट के खिलाफ कानून भी बना दिया है लेकिन इन जैसे एकाउंट्स पर कोई पाबंदी नहीं लगी है।