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उत्तर प्रदेश में 17 साल बाद राज्य सहकारी समिति पर भाजपा का कब्जा

उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक प्रबंध समिति के चुनाव में भाजपा के संतराज यादव सभापति और के.पी. मलिक (विधायक) उपसभापति चुन लिए गए। दोनों निर्विरोध निर्वाचित हुए। करीब 17 वर्ष बाद भाजपा राज्य सहकारी समिति पर कबिज हुई है।

उत्तर प्रदेश के सहकारी ग्राम विकास बैंक पर करीब 17 वर्ष बाद भाजपा समर्थक सभापति व उपसभापति निर्विरोध निर्वाचित हुए और मुलायम परिवार का वर्चस्व समाप्त हो गया। बुधवार को सभापति पद के लिए गोरखपुर के संतराज यादव व उपसभापति पद पर बागपत के कृष्णपाल मलिक ने नामांकन-पत्र जमा किया। विपक्ष की ओर से कोई आवेदन नहीं आने के कारण संतराज और कृष्णपाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए।

नवनिर्वाचित सभापति संतराज यादव ने बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए संपर्क व संवाद अभियान चलाने की बात कही। बुधवार को निर्विरोध सभापति चुने गए संतराज ने नवनिर्वाचित बोर्ड की पहली बैठक में बैंक की साख बढ़ाने का संकल्प भी दिलाया।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बैंक की महती भूमिका को सार्थक बनाया जाएगा। कृषि व कृषि पर आधारित इकाइयों की स्थापना में बैंक पूरा सहयोग करेगा।

सभापति संतराज यादव ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में बैंक हुई अनियमितताओं के सवाल पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं। इसी नीति को आगे बढ़ाते हुए बैंक की खोई गरिमा को वापस लाना ही प्राथमिकता होगी।

बैंक के 14 डयरेक्टर के चुनाव में जीत के साथ ही प्रबंध समिति पर भाजपा का कब्जा होना तय हो गया था। इसलिए सभापति और उपसभापति का चुनाव महज औपचारिकता भर रह गया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को सभापति के लिए भाजपा के संतराज यादव और उपसभापति के लिए के.पी. मलिक ने नामांकन किया। चुनाव अधिकारी ने सारी औपचारिकताएं पूरी होते ही इनके निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा कर दी।.