कोरोना वायरस के प्रकोप बीच म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है। देश के ज्यादातर राज्यों में ब्लैक फंगस से हो रही मौतों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को तो महामारी घोषित कर दिया है, तो वहीं दिल्ली में संक्रमित मरीजों की संख्या हर रोज दोगुनी होती जा रही है। इसके अलावा, यूपी में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है, जहां इससे संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया और राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया। गहलोत सरकार ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है और ये कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है, इसलिए इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 3 की सहपठित धारा 4 के तहत म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को संपूर्ण राज्य में महामारी व अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है।
वहीं दिल्ली में ब्लैक फंगस के आंकड़े देखें तो मूलचंद अस्पताल समेत दिल्ली के कई अस्पतालों में ब्लैक फंगस के कई मामले दर्ज किए जा रहे है। इनमें सरगंगाराम अस्पताल में सबसे ज्यादा केस देखने को मिले है। सरगंगाराम अस्पताल में 40 केस तो वहीं मैक्स अस्पताल में 25 केस और एम्स में 15 से 20 केस जबकि मूलचंद से 3 केस सामने आए है। इसके अलावा, यूपी में भी ब्लैक फंगस का भी कहर देखने को मिलाष यूपी करीब 150 मामले सामने आ चुके है। सबसे ज्यादा लखनऊ और मेरठ ब्लैक फंगस से प्रभावित है।
लखनऊ में अब तक 55 और मेरठ में 52 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है जबकि वाराणसी में 30 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके है। ब्लैक फंगस के बढ़ते केस के रोकथाम के लिए यूपी सरकार ने इससे संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वॉर्ड बनाया गया है। इन वॉर्ड में ब्लैक फंगस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जाएगा। आपको बता दें कि म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते है। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।