Hindi News

indianarrative

कंगना का ऑफिस गिराया बीएमसी ने, इज्जत उतरी सीएम उद्धव ठाकरे की!

कंगना का ऑफिस गिराया बीएमसी ने, इज्जत उतरी सीएम उद्धव ठाकरे की!

सुशांत सिंह मामले में दिये बयानों पर संजय राउत का कंगना राणौत से पंगा लेना शिवसेना को भारी पड़ता जा रहा है। अभीतक बीजेपी बाहर से ही कंगना को समर्थन दे रही है। मुंबई के मेयर के खिलाफ बीजेपी मुखर हो गयी है और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी भी कर ली है, लेकिन बीजेपी की सहयोगी आरपीआई के चीफ रामदास अठावले ने कंगना से मुलाकात कर कंगना के राजनीतिक भविष्य की ओर बड़ा इशारा कर दिया है। ध्यान रहे, महाराष्ट्र में 10 फीसदी दलित और 33 फीसदी खाटी मराठा वोटर हैं। रामदास अठावले की कंगना से मुलाकात से इन वोटरों में एक खास संदेश भी गया है।

हालांकि, अठावले ने कहा कि कंगना राणौत ने राजनीति में आने की इच्छुक नहीं हैं। इससे पहले आठवले ने कहा कि वो कंगना को नैतिक समर्थन व्यक्त करने आये थे। आठवले ने कंगना को सुरक्षा का वादा करते हुए कहा कि अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो बीजेपी और आरपीआई उनका स्वागत करेगी। राजनीति के पंडितों का कहना है कि अठावले का कंगना के घर पहुंचना कोई सामान्य कदम नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि संघ और बीजेपी ने आरपीआई चीफ अठावले को कंगना के पास भेजा है।

कंगना के आवास पर मुलाकात के बाद आठवले का यह बयान कि कंगना की राजनीति में रुचि नहीं है लेकिन समाज में एकता बनाने में रुचि है। अपनी अगली फिल्म में वह दलित की भूमिका निभा रही हैं और साथ ही जाति व्यवस्था के खात्मे की भी बात की।

आठवले ने बयान दिया है कि 'कंगना ने स्पष्ट कहा कि वह राजनीति में इंट्रेस्ट्रेड नहीं हैं और जब तक वह फिल्मों में काम कर रही हैं, राजनीति से जुड़ने की उनकी इच्छा नहीं। लेकिन अगर वह बीजेपी या आरपीआई ज्वाइन करना चाहती हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।

इस समय कंगना को शिवसेना और बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। कंगना को जितनी प्रसिद्धि फिल्मों से मिली उससे ज्यादा प्रसिद्धि और समर्थन देश के लोगों से मिल रहा है। कंगना की खबरें इंटरनेशल मीडिया की सुर्खियां बन रहीं है। शिवसेना की इस कार्रवाई से सीएम उद्धव ठाकरे की इज्जत के चीथड़े उड़ गये हैं।.