राजस्थान में फिर से सियासत गर्म हो गया है। गलहोत और सचिन पायलट के बीच अब बीएसपी से आए विधायक भी कूद गए हैं। मंगलवार को दोनों गुटों के बीच जमकर बयानबाजी हुई। सबसे पहले दोपहर में बसपा से आए विधायकों ने बैठक करके पायलट गुट पर हमला बोला। विधायक संदीप यादव के पायलट समर्थक विधायकों को गद्दार बताने पर सियासी बवाल हो गया है।
संदीप यादव ने पायलट गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन नेताओं ने बगावत की वो बार-बार दबाव बना रहे है। उन्होंने कहा कुछ नेताओं ने पार्टी के साथ गद्दारी करके सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है। उनकी वजह से तो अब तक सरकार गिर चुकी होती। सरकार हमारी बची है, निर्दलीय और हम लोगों ने मिलकर सरकार बचाई है। इसलिए हाईकमान को उनकी बात नहीं सुननी चाहिए. जिन लोगों ने सरकार बचाई उनको इनाम मिलना चाहिए।
इसके बाद शाम होते-होते पायलट समर्थक मुकेश भाकर व राकेश पारीक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके संदीप यादव और साथी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने तीन साल में तीन तीन पार्टियां बदलीं, वे आज कांग्रेस के लिए लाठियां खाने वालों को गद्दार कह रहे हैं। इन्होंने कांग्रेस के लिए जीवन खपाने वाले हमारे दिवंगत नेता राजेश पायलट, शीशराम ओला, परसराम मदेरणा, नाथूराम मिर्धा की विरासत को गाली दी है। बसपा से आए विधायक किसके कहने पर ऐसे बयान दे रहे हैं। इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की बनाई कमेटी पर सवाल उठाया है। उनके अलावा कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा भी और विराट नगर से विधायक इंद्राज गुर्जर भी मीडिया से मुखातिब हुए।
सचिन पायलट के समर्थक मुकेश भाकर ने कहा, 'कौन किसके साथ खड़ा है वक्त बताएगा। हम 18 विधायक भी चले जाएंगे तो सचिन पायलट के जनाधार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बसपा से आए लोग हमें खुद्दारी और गद्दारी के बारे में बता रहे हैं। वे सरकार बचाने की बात कर रहे हैं, जिन लोगों को सत्ता में रहने की आदत है वे आए हैं। कांग्रेस की 100 सीटें आईं, इसलिए आए, भाजपा की 100 सीटें होती तो वहां चिपक जात। सोनिया की कमेटी पर वे सवाल उठा रहे हैं। बसपा से आने वाले छहों को मंत्री बना दीजिए लेकिन उस कांग्रेस कार्यकर्ता-नेता को नजरअंदाज नहीं कर सकते जिसने लाठियां खाई।
विधायकों के फोन टैपिंग और जासूसी के आरोपों पर मुकेश भाकर ने कहा, वेदप्रकाश सोलंकी ने सोच समझकर बोला है। कई विधायकों ने शिकायत की है। मेरी खुद की जासूसी हो रही थी। मेरे घर के आसपास कुछ लोग खड़े थे, मैंने उनसे पूछा तो बोले कि ड्यूटी लगी है। अब भी कई बार घर के बाहर लोग घूमते हैं। जो मुझे लोग मिले वे संदिग्ध थे, पूछा तो बोले कि हम ड्यूटी कर रहे हैं।