केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के नेशनल प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है। यह फैसला आत्मनिर्भर भारत का एक परिदृश्य होने के साथ ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए गया है। इसके तहत अब से इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी देश में ही बनेंगी। इस प्रोजेक्ट से केवल कारों की बैटरी उपलब्ध होगी। साथ ही बैटरी स्टोरेज प्लांट्स का इस्तेेमाल शिपिंग और रेलवे में किया जा सकेगा।
बैटरी स्टोरेज उत्पादन को बढ़ावा देने वाले 18,100 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव को आज ने मंजूरी दे दी। इससे 50,000 मेगावाट का उत्पादन भारत में बढ़ने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैटरी स्टोरेज बहुत महत्वपुर्ण। आज 20 हजार करोड़े के बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट हम आयात करते हैं। आज जो नया पीएलआई घोषित किया है उसकी वजह से यह आयात कम होगा साथ ही भारत में उत्पादन भी होना शुरू होगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स को बहुत बढ़ावा मिलेगा। लंबे समय तक चलने वाली और जल्दी चार्च होने वाली बैटरी आज के समय की जरुरत है। साथ ही सोलर पवार प्लांट भारत में बहुत लगे हैं। इनसे करीब 136000 मेगावट सोलर बिजली का निर्माण हो रहा है लेकिन इस बिजली का दिन में ही इस्तेमाल कर सकते हैं रात में नहीं।
The Union Cabinet has approved production-linked incentives to reduce import dependence & fuel domestic production of battery storage equipment. This will give a big push to electric mobility, benefiting 3-wheeler, 4-wheeler & heavy vehicles: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/XveFWdPHV0
— ANI (@ANI) May 12, 2021
उन्होंने कहा किस ग्रिड होता है उसमें कभी बैलेंसिंग करना है तो अनेक काम करने पड़ते हैं अगर बैटरी स्टोरेज होगा तो यह काम आसान होगा। बैटरी स्टोरेज शिपिंग और रेलवे में इसका बहुत उपयोगी साबित होगा। बैटरी स्टोरेज का डीजल जनरेटेर का भी विकल्प होगा।