अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले बच नहीं पाएंगे क्योंकि ऐसे लोगों के लिए राज्य की पुलिस और परिवहन विभाग डिजिटल उपकरणों की मदद से शिकंजा कसेगी। इसके साथ ही सड़कों पर खड़े ट्रैपिख पुलिस के बॉडी पर कैमरे लगे होंगे जिससे आयायात नियम तोड़ने वाले के खिलाफ शिकंजा कजा जा सकेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रिानिक निगरानी व प्रवर्तन संबंधी अधिसूचना राज्यों को जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड व दिल्ली सहित देश के 132 शहरों की सड़को व हाईवे जंक्शनों पर डिजिटल उपकरणों को लगाया जाएगा। परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्गों और शहरी यातायात की दुनिया में डिजिटल युग की शुरुआत होने जा रही है। सरकार के इस कदम से ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले बिगडैल ड्राइवरों पर शिकंजा कसेगा।
इसके साथ ही सिपाही के बॉडी कैसरे की वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में बतैर सबूत के तौर पर पेश किए जाएंगे। इससे चौराहे और राजमार्गों पर उगाही करने वाले यातायात व परिवहन विभार के भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम लगेगी। खास बात यह है कि सीसीटीवी कैमरों से राजमार्गों व शहरों में हिट एंड रन मामलों में गुनहगारों की धरपकड़ संभव होगी।
इसके अलावा, नई व्यवस्था में पुलिस व परिवहन वाहनों के डैशबोर्ट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। अधिक दबाव वाले नेशनल हाईवे, जंक्शन, राज्य राजमार्गों पर यह वाहन खड़े रहेंगे। स्पीड गन (स्पीड कैमरे), वे-इन-मोशन व दूसरी डिजिटल तकनीक के उपकरण लगाए जाएंगे।
पहले चरण में पटना, गया, मुज्जफरपुर, धनबाद, जमेशदपुर, रांची उत्तर प्रदेश के फरोजबाद, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएड़ा, वाराणसी, गोरखपुर (कुल 17 शहर), उत्तराखंड के ऋषिकेष, देहरादून, काशीपुर सहित 132 शहरों में डिजिटल उपकरण लगाए जाएंगे।