नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर के खिलाफ आज दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील अमित आचार्य ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि ट्विटर को महत्वपूर्ण 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' के रूप में अपने वैधानिक और कार्यकारी कर्तव्यों का पालना करना चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल एथिक्स कोड) नियम, 2021 के कथित गैर-अनुपालन के लिए ट्विटर इंडिया के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में भारत संघ को बिना किसी देरी के आईटी नियम 2021 4 के तहत निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक को आवश्यक निर्देश पारित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
अमित आचार्य ट्विटर के सब्स्क्राइबर हैं और इस तथ्य के कारण कि ट्विटर द्वारा नए नियम लागू नहीं किए गए हैं, वे रेजिडेंट शिकायत अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराने में असमर्थ हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई होने की उम्मीद है।
बताते चलें कि, 26 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से सोशल मीडिया के लिए नई गाइडलाइंस का ऐलान किया गया था। इन नए नियमों को लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया और 26 मई से लागू करने की बात कही गई थी। इनमें से एक नियम यह भी है कि किसी विवादित, हिंसा फैलाने वाले, भड़काऊ और देश विरोधी पोस्ट की शुरुआत करने वाले अकाउंट के बारे में सोशल मीडिया कंपनी को जानकारी देनी होगी।
ट्विटर, वॉट्सऐप जैसी कंपनियों ने इस नियम का विरोध किया है। इस नियम को लेकर कंपनियों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी और प्राइवेसी के खिलाफ है। ट्विटर ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया था, जिस पर सरकार ने सख्त आपत्ति जताई थी। ट्विटर के रवैये पर ऐतराज जताते हुए आईटी मिनिस्ट्री ने स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप Koo पर जारी बयान में कहा था कि वह अपनी गलती को छिपा रहा है और भारत सरकार पर आरोप लगा रहा है। साथ ही सरकरा ने कहा कि, ट्विटर ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अपने मुताबिक हांकने का प्रयास किया है।