कोरोना की दूसरी लहर के चलते 10वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा रद्द हो गई है। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। कोरोना काल में बच्चों और पैरेंट्स के सामने परीक्षाओं को लेकर चिंता बनी हुई थी, लेकिन अब एग्जाम कैंसल होने से ये चिंता दूर हुई है। पीएम मोदी ने कल ये फैसला किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा।
बता दें कि रिजल्ट के लिए शिक्षा मंत्रालय ने कई विकल्प तैयार किए हैं। इसमें पहला है- 9वीं, 10वीं और 11वीं तीनों का इंटरनल असेसमेंट किया जाए। इसके बाद इसके आधार पर ही 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाए। वहीं दूसरा तरीका 10वीं के छात्रों की तरह इंटरर्नल असेसमेंट को अपनाया जा सकता है। इस संबंध में फाइनल नोटिफकेशन जल्द ही जारी होने की उम्मीद है।
आप अगर सोच रहे हैं कि सीबीएसई रिजल्ट को किस तरह पारदर्शी और सर्वग्राही तरीके से तैयार कर सकती है तो इसका जवाब है, बोर्ड द्वारा दसवीं के लिए तैयार की गई न्यू एग्जाम पॉलिसी। सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए जो पॉलिसी अपनाई है, उसमें सात स्कूल टीचर्स के साथ प्रिंसिपल को शामिल करते हुए एक रिजल्ट कमेटी बनाने की भी बात कही गई है। ये कमेटी रिजल्ट तैयार करने में पूरा रोल निभाएगी। इस कमेटी में प्रिंसिपल के अलावा सात टीचर्स होंगे जो कि रिजल्ट को फाइनल रूप देंगे। इन टीचर्स में पांच उसी स्कूल से होंगे। ये पांच टीचर गणित, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्वेज के होंगे। इसके अलावा कमेटी में दो टीचर्स पास के किसी अन्य स्कूल के होंगे जिन्हें स्कूल कमेटी के एक्सटर्नल मेंबर के तौर पर शामिल होंगे।
अगर मैं रिजल्ट से खुश नहीं हुआ तो?
ऑटोमैटिक वाले सिस्टम से जिन बच्चों को नंबर दिए जाएंगे, अगर कोई छात्र या छात्रा उन नंबरों से संतुष्ट नहीं है। तो उसके पास फिर से अपील करने का ऑप्शन खुला होगा। ऐसे वक्त में वो खुद लिखित एग्जाम दे पाएंगे। इसके लिए नियम क्या होंगे, वो CBSE द्वारा जल्द ही बताया जाएगा।