सीबीएसई की 10वीं बोर्ड की परीक्षा पहले ही रद्द कर दी गई है। अब छात्र 12वीं की परीक्षा को भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कोरोना के कारण सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। एक वकील द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कक्षा 12वीं के लिए 'वस्तुनिष्ठ पद्धति पर आधारित नतीजों की घोषणा होनी चाहिए।
छात्र और अभिवाक परीक्षा को रद्द करने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं। छात्र इस महामारी के बीच एक्जाम नहीं देना चाहते हैं। खबर तो यह भी आ रही है कि परीक्षा को रद्द करने का फैसला बोर्ड जल्द ही ले सकती है। हालांकि अभी बोर्ड की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीबीएसई की तरफ से मौजूदा स्थिति की दो सप्ताह में समीक्षा की जाएगी। इसके बाद अल्टरनेटिव असेसमेंट स्कीम पर विचार किया जाएगा। हालांकि शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द किया जा सकता है।
ऑनलाइन परीक्षा का है ऑप्शन
स्कूल कॉलेज महीनों से बंद हैं। इस बार कोरोना की दूसरी लहर पहले ज्यादा खतरनाक है। ऐसे में बोर्ड का परीक्षा कराने का फैसला जानलेवा साबित हो सकता है। हालांकि कुछ एजुकेशनिस्ट का मानना है कि परीक्षा रद्द किए जाने की बजाय ऑनलाइन एग्जाम के विकल्प पर विचार किया जा सकता है। जो भी हो इस समय सबसे दुविधा या मुश्किल में वो स्टूडेंट्स फंसे हैं जिन्हें ये परीक्षाएं देनी हैं। पेरेंट्स भी बच्चों और टीचर्स की सेफ्टी के साथ ही उन विदेशी यूनिवर्सिटीज के बारे में सोच रहे हैं जो इंटरनल स्कोर के आधार पर स्टूडेंट्स को एडमिशन दे रही हैं।