सीबीएसई की ओर से 12वीं रिजल्ट तैयार करने को लेकर गठित 13 सदस्यीय कमेटी ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की। सीबीएसई ने बताया कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड के रिजल्ट के आधार पर 12वीं का फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। रिजल्ट 31 जुलाई को घोषित किया जाएगा। सीबीएसई ने मार्क्स देने के फॉर्मूला बताते हुए कहा कि 10वीं के 5 सबजेक्ट्स में से 3 सबजेक्ट्स के सबसे अच्छे मार्क्स को लिए जाएगे, वहीं 11वीं में पांच सबजेक्ट्स का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल के नबंर को रिकॉर्ड किए जाएंगे।
CBSE submitted before Supreme Court its evaluation criteria for awarding grades/marks for Class XII exams.
For class X & XI, marks in best of 3 from 5 papers in term exams will be considered. For Class XII, marks obtained in unit, term & practicals will be taken into account. pic.twitter.com/gowYPc7zEm
— ANI (@ANI) June 17, 2021
बच्चों का रिजल्ट कुछ इस तरह तैयार किया जाएगा। रिजल्ट में 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई ने कहा कि स्कूलों की नीति प्रीबोर्ड में ज्यादा अंक देने की है, ऐसे में हजारों स्कूलों में से प्रत्येक के लिए परिणाम समिति गठित होगी। स्कूल के दो वरिष्ठतम शिक्षक और पड़ोसी स्कूल के शिक्षक 'मॉडरेशन कमेटी' के रूप में काम करेंगे ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि स्कूल ने अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया है, ये कमेटी छात्रों के पिछले तीन सालों के प्रदर्शन को आंकलन करेगी।
CBSE introduces 30-30-40 formula for evaluation of XII students.
30% from class X, 30% from class XI and 40% from class XII.#CBSE
Those who aren't satisfied with their marks can reappear when situation comes under control. pic.twitter.com/dueYz0TGQw— Sajin Aktar (@sajin_aktar) June 17, 2021
आपको बता दें कि सीबीएसई ने 4 जून 2021 को ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया तय करने के लिए 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। समिति को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। रिजल्ट को लेकर कई तरह के असेसमेंट पर बात हो रही है, इसमें एक तरीका ये भी है कि बोर्ड 10वीं के फाइनल मार्क्स और 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर भी रिजल्ट तैयार कर सकता है। इसके अलावा सरकार ने पहले ही ये तय कर दिया था कि अगर छात्र अपने रिजल्ट से खुश नहीं है तो कोरोना से बिगड़े हालात सामान्य होने पर इसमें अंक सुधार के लिए आवेदन कर सकता है।