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CDS रावत चौपर क्रैशः शहीद सेनापति की याद में नम है हर आंख, अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे कई देशों के शीर्ष सैन्य प्रतिनिधि

श्रद्धांजलि! सेनापति बिपिन चंद्र रावत

तमिलनाडू के सुलूर से लेकर श्रीनगर तक इंडिया अपने सेनापति की जुदाई से गमजदा है। सुलूर से शहीदों के शव लेकर लेकर जैसे ही एम्बुलेंस चलीं तो श्रद्धांजलि देने के लिए एयरपोर्ट तक सड़क के दोनों ओर जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोग अपने शहीदों के सम्मान में नारे लगा रहे थे। आंखों से आंसुओं का समुंद्र बह निकला था। दिल्ली एयरपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों के शव लेने पहुंचे। यह सैना और सेनिकों के लिए उनका सम्मान था। इसके बाद हैंगर में बनाए गए अस्थाई स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल और सेना के तीनों अध्यक्षों ने पुष्प चक्र अर्पित किए। चौपर क्रैश में मारे गए 13 लोगों में से अभी तक मात्र 4 लोगों के शवों की शिनाख्त ही हो पायी है। बाकी लोगों के शवों की शिनाख्त डीएनए जांच के जरिए की जा रही है।

सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार दिल्ली कैण्ट में किया पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ की जाएगी। जनरल रावत के अंतिम संस्कार में विदेशी राजनयिक और सैन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं। श्रीलंका, नेपाल और भूटान सहित कई देशों के  शीर्ष सैन्य प्रतिनिधि सम्मान स्वरूप जर्नल रावत के अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे हैं। । श्रीलंका के प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और श्रीलंकाई सेना के कमांडर जनरल शैवेंद्र सिल्वा करेंगे। उनके साथ पूर्व सीडीएस एडमिरल रवि विजेगुनारत्नेरहेंगे। रवि विजेगुनारत्नेनेशनल डिफेंस कॉलेज में सीडीएस रावत के कोर्समेट थे।

 रॉयल भूटान सेना का प्रतिनिधित्व रॉयल भूटान सेना के उप मुख्य संचालन अधिकारी ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन द्वारा किया जाएगा. वो मुख्य संचालन अधिकारी के बाद रॉयल भूटान सेना के दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। वहीं नेपाली सेना का प्रतिनिधित्व थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बाल कृष्ण कार्की करेंगे, जो थल सेनाध्यक्ष जनरल प्रभु राम शर्मा का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारतीय सेना और रक्षा प्रतिष्ठान के नेपाल, भूटान जैसे पड़ोसी देशों की सेनाओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।

भारत में अमेरिकी दूतावास ने सीडीएस बिपिन रावत और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। दूतावास ने एक बयान में कहा कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में जनरल रावत ने भारतीय सेना में परिवर्तन के एक ऐतिहासिक दौर का नेतृत्व किया। बयान के मुताबिक बिपिन रावत अमेरिका के एक जिगरी दोस्त और भागीदार थे, जिन्होंने अमेरिकी सेना के भारत के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जनरल रावत के अंतिम संस्कार में ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, साउथ कोरिया जैसे कई देशों के राजनयिक और सैन्य प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।