आज लाखों की संख्या में युवा यूपीएससी की तैयारी कर रहे है। कोई आईपीएस बनना चाहता हैं, तो कोई जिला कलेक्टर। बड़ा अफसर बनने का ख्वाब हर युवाओं के आंखों में पलता हैं, ये सपना इंदौर के अनुभव दूबे ने भी देखा था। आईएस बनने के लिए अनुभव दूबे ने पूरी मेहनत झोंक दी थी और सपना पूरा होने का वक्त भी करीब आ रहा था, लेकिन अचानक अनुभव ने अपने इरादे बदल दिए। जहां वो आईएस बनने के ख्वाब संजोता था, वहां वो अब चाय वाला बन अपने भविष्य को देखने लगा। जिसने भी अनुभव दूबे की ये कहानी सुनी वो हैरान ही रह गया।
चाय की दुकान 'चाय सुट्टा बार' के ऑनर अनुभव दूबे की कहानी कुछ ऐसी ही है। वो घर से निकले तो आईएस बनने थे, लेकिन बन गए चाय वाले.. इस चाय के बिजनेस में वो इतने सफल है कि उनकी कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ के पार है। अनुभव दूबे ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल में पूरी की। इसके बाद वो आगे की पढ़ाई पूरी करने इंदौर आ गए। आईएस बनने के सपने के चलते घरवालों ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया। दिल्ली आकर उनकी मुलाकात स्कूल के दोस्त और 'चाय सुट्टा बार' कंपनी के को-फाउंडर आनन्द नायक से हुई।
आनंद नायक के साथ मिलकर उन्होंने चाय का बिजनेस शुरु करने का ख्याल आया। आनंद नायक के हां करने के बाद अनुभव ने आईएस बनने का सपना कही पीछे छोड़ दिया और कंपनी 'चाय सुट्टा बार' के आइडिया पर काम करने लगे। शुरुआत में पैसे की इतनी ज्यादा कमी थी कि अनुभव और आनन्द को हाथ से लिखा बैनर दुकान के सामने लगाना पड़ा। ग्राहकों के लिए सेकेंड हैंड फर्नीचर खरीदा। शुरुआती दिनों की कठिनाइयों को झेला, लेकिन वक्त के साथ बिजनेस निकल पड़ा। तीन लाख से शुरु की गई कंपनी का आज सालाना टर्नओवर 100 करोड़ के पार है। देश के 165 जगहों पर कंपनी के आउटलेट्स हैं।