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Chardham Yatra 2021: खुले केदारनाथ के कपाट, गुलाब, गेंदा, कमल के 11 कुंतल फूलों से सजा द्वार, भक्त ऐसे करें दर्शन

photo courtesy Google

भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 5 बजे खुल गए। लेकिन कोरोना के चलते पिछले साल की तरह इस बार भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे। भक्तों को सिर्फ ऑनलाइन ही दर्शन करने का मौका मिलेगा। केदारनाथ धाम में कपाट खुलने से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई थी। पूरे मंदिर को गुलाब, गेंदा, बसंती और कमल के 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है। भगवान शंकर की मंत्रमुग्ध करने वाली धुनों से माहौल भक्तिमय बन गया है। कपाट खुलने के दौरान परिसर में तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हकहककूधारियों ही उपस्थित रहे।

वहीं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए घरों में ही रह कर पूजा अर्चना करने की अपील की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्विटर पर लिखा- 'विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए। मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया। मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं। केदारनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) आदरणीय श्री भीमाशंकर लिंगम् जी की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में बाबा केदार की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे। मेरा अनुरोध है कि महामारी के इस दौर में श्रद्धालु घर में रहकर ही पूजा-पाठ और धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करें।'

आपको बता दें कि 18 मई को चमोली में स्थित भगवान बदरीनाथ के कपाट भी सुबह सवा चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में खुल जाएंगे। कोविड के कारण यहां भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी। कोविड के संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोले जाने के दौरान वहां तीर्थ पुरोहितों, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत केवल 25 लोग ही उपस्थित रहेंगे।

इससे पहले, 14 मई को यमुनोत्री के कपाट और 5 मई को गंगोत्री के कपाट खोले गए थे। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में चारधामों के नाम से मशहूर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर साल छह महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते है। गढ़वाल की अर्थव्यवस्था की रीढ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा पर भी कोविड का साया पड़ा है। पिछले साल देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा को इस बार भी स्थगित कर दिया गया है।