दिल्ली सरकार द्वारा छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने के बावजूद दिल्ली में इस बार छठ पर्व सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया जा सकेगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजधानी में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक, इस वर्ष कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जाएगा। हालांकि छठ पूजा करने वाले श्रद्धालु अपने घर पर छठ पूजा कर सकते हैं। दिल्ली सरकार ने 20 नवंबर को छठ पूजा की छुट्टी घोषित की है।
सरकार के मुताबिक, छठ पूजा त्योहार पर राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में बुधवार से छठ पूजा की शुरुआत हो जाएगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि महामारी के दौरान लोग दिल्ली में कहीं भी सार्वजनिक स्थानों, तालाब, नदी के घाटों पर छठ पूजा न करें। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मंगलवार को ही दिल्ली सरकार ने कई और अहम निर्णय लिए हैं।
इन निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार ने शादियों में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति देने के अपने आदेश को वापस लेने का निर्णय लिया है। शादियों में 200 की बजाय केवल 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। साथ ही, दिल्ली सरकार ने कुछ बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता देख स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, "हालांकि, दीवाली खत्म हो गई, हमें उम्मीद है कि अब बाजारों में भीड़ कम हो जाएगी और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"
सीएम केजरीवाल ने कहा, "अभी दिल्ली के अस्पतालों में कोविड बेड पर्याप्त हैं, लेकिन आईसीयू बेड की कमी है। इस कठिन परिस्थिति में केंद्र सरकार ने 750 आईसीयू बेड देकर दिल्लीवालों की मदद की है, इसके लिए मैं केंद्र सरकार का शुक्रगुजार हूं।"
मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी एजेंसियां कोरोना को काबू करने के लिए दोगुनी मेहनत कर रही हैं। लेकिन यह तभी नियंत्रित हो सकता है, जब सभी लोग एहतियात बरतेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क पहनेंगे।.