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यूपी के गाजीपुर की 'मिर्च और टमाटर' बांग्लादेश, नेपाल और ब्रिटेन को लुभा रहा

यूपी के गाजीपुर की 'मिर्च और टमाटर' बांग्लादेश, नेपाल और ब्रिटेन को लुभा रहा

लहुरी काशी से विख्यात यूपी का गाजीपुर जिला मिर्च और टमारटर के निर्यात में एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। गाजीपुर से ब्रिटेन, नेपाल और बांग्लादेश को प्रमुख रुप से मिर्च और टमाटर निर्यात किया जा रहा है। पिछले दिनों जिले के किसानों ने बांग्लादेश और नेपाल को 30 मीट्रिक टन हरी मिर्च और टमाटर का निर्यात किया है। जिले के पातालगंगा और आस-पास के क्षेत्रों के 1500 से अधिक किसान अपनी मेहनत से अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं। वास्तव में, नेपाल और <a href="https://hindi.indianarrative.com/krishi/kisan-andolan-supreme-court-hold-the-laws-23726.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">बांग्लादेश के आयातक</a> भी अपना भुगतान करने के लिए गाजीपुर में किसानों से मिले।

<strong>गाजीपुर में किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर उच्च उत्पादकता और फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ निर्यात करने की विशेषज्ञता प्रदान की जा रही है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के क्षेत्रीय प्रभारी डा. सीबी सिंह ने कहा, गंगा-दोआब क्षेत्र की मिट्टी बहुत उपजाऊ है जो किसानों को रासायनिक उर्वरकों के बिना सब्जियों का उत्पादन करने में मदद करती है जो आगे विभिन्न देशों में निर्यात की जाती हैं। कड़ी मेहनत करने के अलावा, किसान सरकार की नीतियों पर भी भरोसा कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र की सब्जियां विदेशों में निर्यात की जा रही हैं। </strong>

किसान उत्पादक संगठनों और यूपी सरकार की ओर से किए गए प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को अब उनकी फसलों का दोगुना मूल्य मिले। कई किसान अब अन्य सब्जियों के साथ केले की खेती पर ध्यान दे रहे हैं। बता दें कि इस क्षेत्र में टमाटर की अच्छी गुणवत्ता की खेती भी बड़े पैमाने पर अपनाई जा रही है। सरकार पारंपरिक खेती के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/up-the-app-will-be-tightened-on-the-land-mafia-23711.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"> कृषि कौशल में किसानों</a> को प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे अधिक पैसा कमा सकें।

ऐसे ही गाजीपुर की करईली मिट्टी में उगाई गईं हरी सब्जियों में लौकी, हरी मिर्च और खीरा की खेप सात समुंदर पार भी भेजी जा रही है। इससे यहां के किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। किसान अपनी उपज को लंदन में भेजकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

<strong>एपीडा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहायक महाप्रबंधक सीबी सिंह ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान 21 अप्रैल को वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल एक ई-मेल किया। उनका अनुरोध था कि गाजीपुर की सब्जियों को लंदन भेजा जाए। इसके बाद, मंडलायुक्त ने  सब्जियों को भेजने के लिए वातानुकूलित गाड़ी का पास बनाया। </strong>

इसके बाद गाजीपुर के किसानों से 1500 किलो हरी मिर्च, 500 किलो खीरा और 500 किलो लौकी को दिल्ली एयरपोर्ट तक ले जाने की जिम्मेदारी शिवान्स कृषक प्रोड्यूसर कंपनी (FPO) के सीईओ श्रीराम कुमार राय को दी थी। इस तरह किसानों को अच्छा मुनाफा देकर यह सब्जियां विदेश भेज दी गईं। वहां इसकी अधिक मांग है।

देखा जाए तो क्षेत्र के करईल इलाके में दर्जनों गांवों के किसान सब्जियों की खेती कर अपनी आए को बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। जिले के मोहम्मदाबाद तहसील के जोगा मुसाहिब के रामकुमार राय और करीमुद्दीनपुर गांव के प्रगतिशील किसान पंकज राय ने सेड नेट हाउस में सब्जी की खेती की है। वहीं, जिले के पंकज राय इस समय पाली हाउस से इन सब्जियों की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। जबकि रामकुमार राय भी हरी मिर्च की खेती कर किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।
<h3>पीएम मोदी ने किया था पेरिशेबल कार्गो सेंटर का उद्घाटन</h3>
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने हाथों गाजीपुर के पेरिशेबल कार्गो सेंटर का उद्घाटन किया था। इस सेंटर में कोई भी किसान अपनी सब्जी स्टोर कर सकता है। इसका उपयोग सब्जी व्यापारी भी कर रहे हैं। खास बात यह है कि वातानुकूलित होने के चलते सब्जियां यहां खराब नहीं होती हैं। सब्जियों के अलावा यहां फलों को भी स्टोर किया जा सकता है। फलों को प्राकृतिक तरीके से पकाने का काम भी यहां होता है। यहां से सब्जियों को बड़े शहरों में ट्रेन द्वारा भेजने की व्यवस्था है।.