मालदीप और श्रीलंका एक बड़ी तबाही से बाल-बाल बचा। दरअसल, चीन के बेकाबू रॉकेट का मलबा मालदीप और श्रीलंका के बिल्कुल नजदीक आकर गिरा। अगर रॉकेट का मलबा इन देश के आबादी वाले क्षेत्रों में गिरता तो बड़ी तबाही ला सकता था। आपको बता दें कि इससे पहले भी चीन का एक रॉकेट इसी तरह बेकाबू होकर धरती पर आ गिरा था। चीन के रॉकेट ने अफ्रीकी के आइवरी तट में कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचाया था। जिसके चलते लोगों के मन में चीन के इस बेकाबू रॉकेट को लेकर डर था।
लेकिन जब चीन का लॉन्ग मार्च 5b रॉकेट का मलबा मालदीप और श्रीलंका के पास हिंद महासागर में आकर गिरा तो दुनिया भर के लोगों ने राहत की सांस ली। वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो गया। आपको बता दें कि चीनी रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा था। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि चीनी रॉकेट का ये हिस्सा 9 मई को धरती पर आकर गिर सकता है, लेकिन कब और कहां गिरेगा… इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता था।
Remnants of China's biggest rocket landed in the Indian Ocean, with the bulk of its components destroyed upon re-entry into the Earth's atmosphere: Reuters
— ANI (@ANI) May 9, 2021
नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां इस पर नजर बनाए हुए थे। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि ये दक्षिणपूर्वी अमेरिका, मेक्सिको, मध्य अमेरिका, करेबियन, पेरू, ईक्वाडोर कोलंबिया, वेनेजुएला, दक्षिण यूरोप, उत्तर या मध्य अफ्रीका, पेइचिंग, मैड्रिड, न्यूयॉर्क, मध्य पूर्व, दक्षिण भारत या ऑस्ट्रेलिया में गिर सकता है। अमेरिकी स्पेस फोर्स के डेटा के मुताबिक ये रॉकेट 18 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था। रफ्तार तेज होने की वजह से इस बात का पता लगाना बेहद मुश्किल हो रहा था कि इसकी लैंडिंग कहां होगी।
Chinese rocket lands in Indian Ocean near Maldives#ChineseRocket pic.twitter.com/8bhKPj9gD5
— Milind Jadhav🇮🇳🕉️ (@jadhav_milind28) May 9, 2021
चीन के इस लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के कोर स्टेज का वजन 21 टन था। लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 16 फीट था। पिछले हफ्ते चीन ने अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए पहला मॉड्यूल लॉन्च किया था। चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा भेजा था। इस मॉड्यूल का नाम तियान्हे रखा गया है। बाद में रॉकेट का ये हिस्सा अनियंत्रित हो गया। अगर रॉकेट का ये हिस्सा किसी आबादी वाले क्षेत्र में गिरता, तो बड़ी तबाही मचा सकता था।