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Yogi Sarkar ने मांस खाने वालों को दिखाया बाहर का रास्ता, UP के इन दो शहरों में मीट और शराब पर लगाया प्रतिबंध

अयोध्या और मथुरा में शराब की दुकानें बंद

यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश के दो शहरों में शराब और मीट बैन का आदेश जारी कर दिया। दरअसल, सरकार के आदेश का पालन करते हुए अफसरों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर दोनों शहरों में शराब-मीट की दुकानें बंद करवा दी हैं। अफसरों का कहना है कि ये दोनों आध्यात्मिक शहर हैं, इसलिए वहां पर इस तरह की गतिविधियों को मंजूरी नहीं दी जाएगी।

मथुरा में शराब की दुकानों पर लगाया ताला

योगी सरकार के आदेश पर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आसपास 10किलोमीटर की परिधि में आने वाले मथुरा नगर निगम के 22वार्डों में शराब की दुकानों पर बैन लगा दिया गया है। यह आदेश सामने आने के बाद जिले के अधिकारियों ने 10किलोमीटर की परिधि में आ रही 37दुकानों पर शराब, बीयर और भांग की 37दुकानों पर बुधवार से बिक्री पूरी तरह बंद करवा दी।

बताते चलें कि सीएम योगी ने पिछले साल 10सितम्बर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महापर्व पर मथुरा में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा में उन्होंने कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से ढाई किलोमीटर की दूरी की परिधि में आने वाले 10वर्ग किलोमीटर एरिया में खुली मांस और शराब की सभी दुकानों पर बैन लगाया जाएगा। मांस की बिक्री वाली दुकानों पर तो अगले दिन से ही प्रशासन ने बंदी का अमल करवाना शुरु कर दिया था। हालांकि तकनीकी कारणों से शराब, बीयर व भांग की दुकानों पर मादक पदार्थों की खुलेआम बिक्री जारी रही।

मॉडल वाइन शॉप पर भी हुई कार्रवाई

हालांकि अब प्रदेश सरकार ने मथुरा नगर निगम के 22 वार्डों के दायरे में आने वाली सभी 37 दुकानों को बंद करवाने का भी आदेश जारी कर दिया है। जिला आबकारी अधिकारी प्रभात चंद का कहना है कि अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान के 10 वर्ग किलोमीटर एरिया में शराब और मांस की कोई भी दुकान संचालित नहीं हो रही है। जिन दुकानों को बंद करवाया गया है, उनमें बार के लाइसेंसधारक होटल, शराब, बीयर और भांग की दुकानें तथा मॉडल शॉप आदि शामिल हैं।

योगी सरकार ने अयोध्या में भी शराब और मांसाहार की दुकानों पर भी बैन लगाया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भी शराब की दुकानें बंद कराने का ऐलान किया था। सरकार का कहना है कि इन दोनों आध्यात्मिक शहरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु रोज दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में जनभावना को देखते हुए इसका फैसला लिया गया है।