छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर 3 अप्रैल को नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान नक्सलियों ने ने हमारे एक जवान को अगवा कर लिया था। कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने अगवा किया था लेकिन अब उन्हें छोड़ दिया गया है।
देश के लिए बेहद ही रहात की खबर है क्योंकि CRPF जवान राकेश्वर सिंह के अगवा किए जाने के बाद उनकी रिहाई पर लोग नजर लगाकर बैठे हुए थे और उनके सही सलामत वापस आने की दुआ कर रहे थे। इस बीच परिवार के लिए भी काफी राहत भरी खबर है उनके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है।
बताते चलें कि, अगवा करने के बाद नक्सलियों की तरफ से संदेश भेजा गया था कि कमांडो पुरी तरह सुरक्षित है और एक कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की तस्वीर जारी की, तस्वीर में राकेश्वर सिंह मन्हास ताड़ के पत्तों से बनी झोपड़ी में बैठे हुए नजर आए। CRPF ने राकेश्वर सिंह मन्हास की तस्वीर की पुष्टि की है। इस तस्वीर में राकेश्वर सिंह पूरी तरह से स्वस्थ दिख रहे हैं।
माओवादियों ने स्वीकार किया है कि इस मुठभेड़ में उनके चार साथी भी मारे गए। माओवादियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया है। माओवादियों ने बयान में कहा है कि एक जवान को बंदी बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।