कोरोना की दूसरी लहर देश के सामने दानव बनकर खड़ा है। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। मरीजों की बाढ़ आने से स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। लोग ऑक्सिजन, दवाईयों और अन्य उपकरणों की कमी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में कई एक्सपर्ट और डॉक्टर्स कह चुके हैं कि कोरोना से बचने का अब एक ही रास्ता बचा है लॉकडाउन । एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए देश भर में लॉकडाउन लगाना जरुरी है। दूसरी लहर पर चिंता जताते हुए देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन की यह मांग राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐसी ही मांग कर चुके हैं। देश में एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन की मांग जोर पकड़ रही है।
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह चरमरा गया है। अस्पतालों में बेड, मेडिकल ऑक्सिजन, रेमडेसिविर जैसी जरूरी दवाइयों की किल्लत हो चुकी है। कभी ऑक्सिजन की कमी तो कभी जरूरी दवाओं की कमी से मरीज सड़कों तक पर दम तोड़ रहे हैं। रोज 4 लाख के करीब या उससे भी ज्यादा नए केस आ रहे हैं। हर दिन 4 हजार के करीब नई मौतें हो रही हैं। महाराष्ट्र में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के बाद कोरोना के नए मामलों में अब गिरावट हो रही है लेकिन कर्नाटक में 50 हजार से ज्यादा केस आए हैं। केरल भी अब उसी तरफ तेजी से बढ़ता दिखा है। गुरुवार को कर्नाटक में कोरोना के 49 हजार से नए मामले, एक दिन पहले 50 हजार से ज्यादा केस सामने आए। केरल में गुरुवार को 42 हजार से ज्यादा नए मरीज बढ़े।
कई हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट तक केंद्र और राज्य सरकार से लॉकडाउन पर विचार करने को कह चुका है। देश में फिलहाल कई राज्य पहले से ही लॉकडाउन या उसी तरह की सख्तियों को किसी दूसरे नाम से लागू कर चुके हैं। कुछ राज्यों को हाई कोर्टों के फटकार के बाद पाबंदियों का ऐलान करना पड़ा। एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया भी पिछले हफ्ते सख्त लॉकडाउन की मांग कर चुके हैं। उन्होंने पिछले की तरह ही सख्त लॉकडाउन की पैरवी की है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए विशेषज्ञ यूं ही लॉकडाउन की वकालत नहीं कर रहे। कोरोना का संक्रमण ह्यूमन टु ह्यूमन ही फैलता है। लॉकडाउन लगने से किसी एक जगह पर लोगों का जमावड़ा नहीं होगा तो संक्रमण के मामलों में भी कमी आएगी। इससे तेजी से फैलते संक्रमण पर लगाम तो लगेगी लेकिन कोरोना के खिलाफ असली हथियार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हैंड सैनिटाइजेशन जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना ही है। वैक्सीनेशन के बाद भी। एक दिन पहले जब केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने तीसरी लहर के निश्चित तौर पर आने की भविष्यवाणी की तब उन्होंने भी यही कहा कि मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
राहुल गांधी भी ट्वीट कर संपूर्ण लॉकडाउन को एक मात्र रास्ता बताया जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले तबकों के लिए 'न्याय' जैसी न्यूनत आय गारंटी योजना की सुरक्षा के साथ सरकार को आगे बढ़ने का सुझाव दिया। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने से कतरा रही है। वजह साफ है- असमंजस।